
देहरादून। भाजपा ने पूर्व सीएम हरदा की सोशल पार्टी के राजनैतिक आरोप पर तंज किया कि जिनके लिए लोकल फॉर वोकल का मतलब सिर्फ डेनिस होता था, उनका मजाक उड़ना तो तय था।
प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने कहा कि सरकार में रहते जो राज्य के संसाधनों को लूटने का लाइसेंस देते रहे हों, उनका विकास पर ज्ञान बांटना समझ से परे है। जबकि पीएम मोदी के मार्गदर्शन एवं सीएम धामी के नेतृत्व में लोकल फॉर वोकल के मंत्र पर राज्य विकास की नित नई ऊंचाईयों को छू रहा है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड, प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा बताए गए लोकल का वोकल के मूल मंत्र पर वृहद पैमाने पर शानदार कार्य कर रहा है। एक तरफ वाइब्रेंट विलेज योजना से सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास की नई इबारत लिखी जा रही, जिससे वहां के लोगों की स्थानीय कला, संस्कृति और परम्पराओं को नई पहचान मिल रही है। आज नीति, माणा, गूंजी, आदि कैलाश, हर्षिल नेलांग घाटी, समेत तमाम सीमावर्ती गांवों में पर्यटन के साथ स्थानीय स्वरोजगार को लेकर जबरदस्त बदलाव आया है। वहां के स्थानीय उत्पादों को वैश्विक पहचान मिल रही है। वहीं स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से प्रदेश 3 लाख लखपति दीदी के लक्ष्य की तरफ तेजी से हम बढ़ रहे हैं। मिलेट के उत्पादन और उसके विपणन के साथ जैविक खेती और जड़ी बूटी प्रसंस्करण को लेकर केंद्र की मदद से राज्य सरकार नई नई सफल योजनाओं का संचालन कर रही है।
उन्होंने पूर्व सीएम हरीश रावत की काफल पार्टी पर भी तंज किया कि कांग्रेस के बड़े नेताओं का राजनैतिक रसूख और विश्वास समाप्त हो गया है। यही वजह है कि वे मीडिया की सुर्खियां बनने के लिए ही अपने कार्यक्रम बनाते हैं। लेकिन अफसोस वहां भी सामाजिक संदेश देने के बजाय राजनैतिक हित साधने में जुट जाते हैं। उनका यह स्वीकारना कि अपनी सरकार में जब वे लोकल फॉर वोकल की बात करते थे तो लोग उनकी हंसी उड़ाते थे, बताता है कि तब उनकी जनता में कितनी विश्वसनीयता रही होगी। क्योंकि सत्य यही है कि उनके लिए तब लोकल फॉर वोकल का मतलब सिर्फ और सिर्फ डेनिस शराब को बढ़ावा देना था। उनके लिए इस नीति का अर्थ लोकल संसाधनों को मुफ्त में अपने लोगों को रेवड़ी की तरह बांटना था। लूट का लाइसेंस देने और दिल्ली में उनके निजी सचिव का शराब माफियाओं से सौदेबाजी लोगों ने टीवी पर देखी थी।
उन्होंने कहा कि हर चुनाव में हरदा सरकार की गलतियों की माफी मांगते हैं और जनता उन्हें एक नहीं दो-दो बार भी माफ नहीं करती है। वहीं बहुत हैरानी और अफसोस होता है यह जानकर कि अब वो वर्तमान भाजपा सरकार के अच्छे कामों को अपनी सरकार की उपलब्धियों से जोड़ने का झूठा प्रयास कर रहे हैं। दअरसल सच तो यह कि विगत 8 वर्षों में राज्य में हुई अभूतपूर्व तरक्की का अहसास उनके सिर चढ़कर बोल रहा है। तभी वे अपना कार्यकाल भूल कर वर्तमान विकास की उभरती तस्वीर को अपने पुराने कैनवास पर दिखाने की असफल कोशिश कर रहे हैं।