देहरादून, भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि है उसका श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में पीएम मोदी के विरोध का कोई नैतिक आधार नही है।
प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कटाक्ष किया कि जिन लोगों ने श्री राम मंदिर का हमेशा विरोध किया, उन्हे ही सनातन ध्वजवाहक मोदी के इस कार्यक्रम का हिस्सा बनने पर आपत्ति है।
आगामी 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में प्रभु श्रीराम लला के विराजने पर प्रतिक्रिया देते हुए श्री भट्ट ने इसे अरबों खरबों सनातनियों के 5 सौ वर्षों वर्ष पुराने दिवस्वपन के साकार होने वाला बताया । उन्होंने कहा कि लाखों रामभक्तों की शहादत के बाद आखिरकार वो गौरवमयी क्षण आया है जब भारतीय संस्कृति के शीर्ष प्रभु श्री राम अपनी जन्मस्थली में भक्तों को दर्शन देंगे। इस खबर के साथ देश की तरह देवभूमि में भी हर्षोल्लास का माहौल है ।
उन्होंने इस अवसर पर पीएम मोदी की मौजूदगी पर सवाल खड़ा करने वाली कांग्रेस को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा, हमेशा श्री राम मंदिर का विरोध करने वालों को इस विषय पर बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है । उन्होंने आइना दिखाते हुए कहा कि यही लोग मंदिर निर्माण की तारीख बताने का कटाक्ष करते हुए, सुप्रीम कोर्ट में विवादित बाबरी मस्जिद के पक्ष में रात दिन खड़े रहते थे । यही कांग्रेस प्रभु श्री राम के काल्पनिक होने का शपथ पत्र सौंपती थी और इन्होंने ही कोर्ट में मंदिर के पक्ष में संभावित फैसले को लटकाने की हर संभव कोशिश की । श्रीराम जन्मभूमि के पक्ष में निर्णय आने के बाद भी जिनके शीर्ष नेताओं ने यहां आने की जहमत नहीं उठाई, वही आज सनातन संस्कृति के ध्वजवाहक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस स्वर्ण अवसर पर शामिल होने पर आपत्ति कर रहे हैं ।
भट्ट ने तंज किया कि जिनको कभी जय श्री राम का नारा भी सांप्रदायिक लगता था, उनको अब श्री राम मंदिर की दिव्यता और भव्यता भी स्वीकार नहीं है । उन्हें अपने बड़े नेताओं का इस ऐतिहासिक और युगांतरी घटना का साक्षी नही बनना अखरता नही है बल्कि प्रधानमंत्री समेत तमाम धर्मालुओं का प्रभु श्री राम के चरणों में शीश नवाना अखरता है । प्रदेश और देश की जनता विपक्ष की मंशा को देख समझ रही है और पीएम का विरोध करने वाली इन तमाम सुविधावादी हिंदुओं को समय आने पर अवश्य सबक सिखाएगी ।