यदि आप छोटे बच्चों के अभिभावक हैं या नौनिहालों के प्रति जागरूक रहते हों, तो कोरोना से जुड़ी यह खबर जानना आपके लिए बेहद जरूरी है | क्यूंकि हाल में ही यूरोप में हुए शोध में खुलासा हुआ है कि बच्चों का मास्क पहनना उन्हे कोविड से बचाव के बजाय बीमार… और अधिक बीमार कर सकता है | मात्र 3 मिनट में मास्क के चलते बच्चों में कार्बन डाई ऑक्साइड का स्तर 12 गुना तक बड़ जाता है |
कोरोना महामारी से बचाव में कोविड प्रोटोकॉल का सबसे अहम हिस्सा है मास्क | हालांकि भारत सरकार छोटे बच्चों में मास्क की अनिवार्यता को समाप्त कर चुकी है, लेकिन मासूम बच्चों को हम मास्क पहने अवश्य देख सकते हैं | लेकिन हाल ही में पोलैंड, जर्मनी और ऑस्ट्रिया हुए एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने बच्चों को मास्क पहनाने से संभावित जानलेवा नुकसान से अलर्ट किया गया है | रिपोर्ट के अनुशार मात्र 3 मिनट तक भी मास्क पहनकर रखने वाले बच्चों में कार्बन-डाइऑक्साइड का स्तर सामान्य सीमा से बारह गुना तक अधिक हो गया । इस अध्ययन के लिए 45 बच्चों को शामिल किया गया और सभी को दो से तीन मिनट कर मास्क पहनाकर उनका परीक्षण किया |एक जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया है कि तीन मिनट तक ही मास्क पहनकर रखने से भी बच्चे सांस के माध्यम से 0.04 प्रतिशत औसत कार्बन डाइऑक्साइड ले रहे हैं, जबकि इसका अधिकतम स्वस्थ स्तर 0.2 प्रतिशत ही है। मास्क पहनने के बाद सभी आयु वर्ग के बच्चों में कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर, स्वस्थ स्तर से कहीं अधिक हो गया था। शोधकर्ताओं का कहना है कि कार्बन डाइऑक्साइड का यह बड़ा हुआ स्तर उन्हे सांस लेने में गंभीर दिक्कत कर सकता है, जो कई मामलों में घातक भी है
अध्ययन का निष्कर्ष है कि बच्चों के लिए ज्यादा देर तक मास्क पहनकर रखना अच्छे से कहीं ज्यादा बुरा प्रभाव डाल सकता है । फिलहाल इस शोध के आधार पर इतना कहा जा सकता है कि मास्क बच्चों को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखने का स्थाई उपाय नहीं है | जो एक अन्य तरह की मुसीबत का कारण बन सकता है। लिहाजा बेहतर है कि संक्रमण से बचाव के लिए बच्चों को घरों से बाहर जाने से रोकें, ताकि उन्हें मास्क पहनाने की जरूरत कम से कम पड़े ।