देहरादून | अब तक साइबर अपराधी नए-नए तरीके अपनाकर बैंक में जमा जनता की गाढ़ी कमाई पर तो हाथ साफ कर ही रहे थे | लेकिन अब इन कारनामों को अंजाम देने वालों में बैंक कर्मचारी भी शामिल हो गए हैं | ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला सामने आया है देहरादून के सैलाकुई क्षेत्र में जहां बैंक के मैनेजर ने साथी कर्मियों के साथ मिलकर एक बुजुर्ग महिला के खाते से लगभग 31 लाख रुपए उड़ा दिये |
बैंक कर्मचारियों द्धारा खाताधारक के बैंक खातों में एसएमएस अलर्ट का नंबर बदलकर उनकी मेहनत की कमाई उड़ाने का मामला यह सामने आया है सेंट्रल बैंक में । घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों ने एक महिला के बैंक खाते का एसएमएस अलर्ट नंबर बिना उसकी अनुमति के बदलकर 30.95 लाख रुपये उड़ा लिए गए । यह मामला तब सामने आया जब थाना विकासनगर के हर्रबटपुर निवासी अतुल कुमार शर्मा ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें उन्होंने बताया था कि अज्ञात व्यक्ति द्वारा सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में उनकी माता के बैंक खाता का एसएमएस अलर्ट नंबर बिना उनकी अनुमति के बदल कर 30.95 लाख रुपये निकाले गए। इस संबंध में पुलिस ने धोखाधड़ी कर रुपये निकालने के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया। मामले को गंभीरता से लेते हुए अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए साइबर थाने से निरीक्षक त्रिभुवन रौतेला के नेतृत्व में टीम गठित की गई।
पुलिस टीम ने छानबीन में घटना में प्रयोग हुए मोबाइल नंबर, ई-मेल आईडी, ई-वालेट, बैंक खातों व सीसीटीवी फुटेज की जांच की। जिसमें बता चला कि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारी द्धारा शिकायतकर्ता की बिना अनुमति के धोखाधड़ी करते हुए खाता धारक के बैंक खाते से संबंधित गोपनीय जानकारी में हेराफेरी की गई। इसके बाद नेट व मोबाइल बैंकिग के माध्यम से शिकायतकर्ता के पैसों से ऑनलाइन सोना खरीदा गया, फिर उसे बेचकर रुपये हड़प लिए।
पुलिस ने मामले में दिल्ली के करोल बाग से सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के एक बैंक प्रबंधक समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में पता चला कि वह सेंट्रल बैंक के एएफओ मोहम्मद आजम व सहायक प्रबधंक कविश डंग के साथ मिलकर लंबे समय से इनएक्टिव खातों की जानकारी कर उसके एसएमएस अलर्ट का नंबर बदलकर खातों से रुपयों उड़ा देते थे। इसी सिलसिले में पुलिस ने मोहम्मद आजम व कविश को सेलाकुई व विकासनगर देहरादून से भी गिफ्तार किया है।
लिहाजा डिजिटलाइजेशन के इस दौर में रहिए न बेखबर, हो जाये बाखबर और निरंतर अपने खातों का एसएमएस अलर्ट जाँचते रहे | क्यूंकी अब अपराधी ही नहीं खातों के रखवाले बैंककर्मियों की भी आपके पैसों पर हो सकती है नज़र |