आज निगमित सामाजिक दायित्व के क्षेत्र में ओएनजीसी द्वारा एक कदम और बढ़ाया गया । यह कदम योग भवन निर्माण संबंधी है । समिति के अनुरोध पर इस योग भवन का निर्माण प्रसिद्ध टपकेश्वर मंदिर परिसर देवभूमि फाउंडेशन के माध्यम से किया गया ।
योग भवन का लोकार्पण ओएनजीसी की अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक महोदया डॉ. अलका मित्तल जी के कर-कमलों द्वारा सीएसआर प्रभारी श्री सोमेश रंजन, महंत श्री कृष्णागिरि महाराज एवं श्री महंत भरतगिरि महाराज प्रधान निगमित प्रशासन, देहरादून विजय राज, प्रभारी सीएसआर देहरादून, रामराज द्विवेदी एवं समिति पदाधिकारी अशोक मिश्रा, एस. एस. गोयल की गरिमामयी उपस्थिति में आभासी (वर्चुअल) माध्यम से किया गया ।
इस अवसर पर महंत श्री कृष्णागिरि महाराज जी ने कहा कि इस परिसर का उपयोग गरीब/निर्धन परिवारों की बालिकाओं का विवाह एवं विभिन्न सामाजिक कार्यों के लिए किया जाता रहा है । ओएनजीसी के सहयोग से इस नव निर्मित हॉल का उपयोग नियमित योगाभ्यास के लिए किया जाएगा। ओएनजीसी द्वारा पूर्व में भी समय–समय पर इस परिसर में विभिन्न सकारात्मक कार्य किए गए ।
ओएनजीसी की अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. अलका मित्तल ने अपने उद्घाटन सम्बोधन में कहा कि कैसे कोरोना काल में ओएनजीसी द्वारा विभिन्न विकासात्मक सामाजिक कार्य किए गए हैं । इसके अतिरिक्त हमने सैंकड़ों अँधियारे गाँवों को सोलर लाइटों से रोशन करके उनकी ज़िंदगी खुशहाल बनाई है । सैंकड़ों विद्यालयों को फर्नीचर एवं शौचालय उपलब्ध करा के पिछड़े क्षेत्रों के बच्व्होन के जीवन को छूने की कोशिश की है । टपकेश्वर मंदिर प्रबंधन मंडल की तरफ एक समर्पण ही है यह योग भवन । यह कृति महज योग हॉल की दृष्टि से ही नहीं बल्कि इस हॉल का बहु-उपयोगी प्रयोग शैक्षणिक गतिविधियों, सांस्कृतिक गतिविधियों के अतिरिक्त सभी निर्धन परिवारों के विवाह आयोजन कार्यक्रमों में भी होगा ।
डॉ. अलका मित्तल ने कहा कि विगत वर्षों में अपनी सामाजिक निगमित दायित्व के अंतर्गत पूरे भारत में विभिन्न विकासपरक, जीविकोपार्जन और सामाजिक कार्यक्रम चला रहे ओएनजीसी के प्रोजेक्ट एक मानक की तरह पूरे देश में स्थापित होते जा रहे हैं ।
इस आभासी उद्घाटन समारोह के अवसर पर टपकेश्वर महादेव मंदिर प्रबंधन मंडल के अध्यक्ष श्री गोपाल गुप्ता, सचिव महेश खंडेलवाल, कोशाध्यक्ष मुकेश गुप्ता एवं ओएनजीसी के अधिकारीगण कमलेश डोभाल, कमलेश परमार, सीएसआर टीम के नरेश सूद और ललित मोहन लखेड़ा आदि उपस्थित थे ।