जिन कड़े नियमों के साथ हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा शुरू करने की अनुमति दी है, उसमें सबसे प्रमुख है कि कोर्ट द्धारा तय भक्तों की निश्चित संख्या का ही भगवान के दर्शन करना | इसके अतिरिक्त यात्रियों के लिए आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट लाना और राज्य सरकार के लिए कोविड से जुड़ी स्वास्थ्य सुविधाएं बहाल करने की कड़ी शर्तों का पालन करना अनिवार्य है | आइए समझते हैं कि हमारे और सरकार के लिए इस धार्मिक यात्रा को लेकर न्यायालय ने कौन से नियम तय किए हैं ?
जैसा कि अनुमान लगाया जा रहा था, ठीक वही हुआ और नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य में चार धाम यात्रा पर लगाई रोक हटा ली | सुनवाई के दौरान अदालत ने निदेश दिये कि प्रतिदिन बदरीनाथ धाम में 1000, केदारनाथ धाम में 800, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री धाम में 400 श्रद्धालुओं को ही प्रवेश की अनुमति होगी । इस दौरान किसी भी श्रद्धालु या अन्य किसी को वहाँ माजूद कुंड में स्नान करने की अनुमति नहीं होगी । यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं को कोविड से जुड़ी अधिकतम 72 घंटे की समयसीमा वाली आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट साथ लानी होगी। हालांकि कोविड टीके की दोनों डोज लगाने वाले यात्रियों को इससे छूट होगी, उनको मात्र वेक्सीनेशन सर्फिफिकेट दिखाना होगा। इन तीनों यात्रा जिलों चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में चारधाम यात्रा के दौरान इन सभी सभी शर्तों के अनुपालन हेतु प्रशासन को पर्याप्त पुलिस फोर्स तैनात करनी होगी।
राज्य सरकार को भी यात्रा को लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं सम्बन्धी कड़े नियमों को लागू करने के निदेश देते हुए हाईकोर्ट ने जिला विधिक प्राधिकरणों से प्रति सप्ताह रिपोर्ट जमा करने के निर्देश दिये हैं | कोर्ट ने निर्देश स्पष्ट करते हुए कहा है कि चारों धामों में पर्याप्त चिकित्सा व्यवस्था हो और चेकपोस्ट बनाएं जाएँ | मेडिकल की पूर्ण सुविधा, स्टाफ, नर्सें, डॉक्टर, ऑक्सीजन बेड और वेंटिलेटर की पर्याप्त व्यवस्था हो । सरकार यात्रा के लिए अलग से मेडिकल हेल्पलाइन जारी करे जिससे अस्वस्थ लोगों को स्वास्थ्य संबंधित सुविधाओं का आसानी से पता चल सके । श्रद्धालुओं की आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट और वेक्सीनेशन का सर्टिफिकेट की जांच के लिए चारों धामों में अलग से चेक पोस्ट बनें । जिसके तहत बदरीनाथ में पांच, केदारनाथ में तीन चेक पोस्ट बनाए जाये ।
उच्च न्यायालय ने एंटी स्पीटिंग एक्ट को चारों धामों में प्रभावी रूप से लागू करने को कहा है | इसके अतिरिक्त तीनों जिलों के विधिक सेवा प्राधिकरण को आवश्यक निर्देश दिये हैं कि वे यात्रा की निगरानी करें और उसकी रिपोर्ट प्रत्येक सप्ताह कोर्ट में जमा करें । यात्रियों की सुविधा के लिए यात्रा मार्ग में जगह-जगह पर सुलभ शौचालय बनाए जाएं ।
हालांकि इन तमाम निदेशों के साथ कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि भविष्य में कोविड के केस बढ्ने की स्थिति में सरकार यात्रा को स्थगित कर सकती है। वहीं उम्मीद की जा रही है कि धामी सरकार 18 तारीख से यात्रा शुरू करने को लेकर आज विस्तृत कोविड एसओपी जारी करेगी |