मोदी सरकार की वन नेशन पॉलिसी के तहत अब गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन को लेकर 15 सितंबर से बड़ा बदलाव होने जा रहा है | दरअसल आपने भी आसपास एक राज्य से दूसरे में शिफ्ट होने पर गाड़ियों के रजिस्ट्रैशन बदलने को लेकर दिक्कत का सामना किया होगा | या फिर गाड़ी का नंबर दूसरे राज्य का होने पर पोलिस चेकिंग या सामाजिक भेदभाव का शिकार होना पड़ा होगा | लेकिन अब सरकार नई व्हीकल रजिस्ट्रेशन पॉलिसी लॉन्च करने जा रही है, जिसमें आपके वाहन को नई सीरीज का नंबर मिलेगा जो पूरे भारत में काम करेगा । मतलब वाहन को दूसरे राज्य में ले जाएंगे तो भी आपको वाहन का वहाँ दोबारा रजिस्ट्रेशन नहीं कराना होगा |
अब तक क्या है राज्य बदलने पर वाहनों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया ?
दरअसल मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के सेक्शन 47 के अनुशार किसी भी राज्य में एक साल तक दूसरे राज्य के वाहन को चलाया जा सकता हैं । लेकिन एक साल के भीतर आपको नए राज्य में अपने वाहन को रजिस्टर्ड कराना होता है। जिसके लिए पुराने RTO से NOC लाना जरूरी होता है । अब चूंकि हर राज्य में ये प्रोसेस अलग-अलग है और डॉक्युमेंट भी अलग-अलग लगते हैं। यही कारण है कि लोग दूसरे राज्य में अपने वाहन का दोबारा रजिस्ट्रेशन करने से बचते हैं।
क्या है नई व्यवस्था और कैसे कारगर होगी ?
समान्यता वाहन नंबर से पता चल जाता है कि वह किस राज्य में रजिस्टर्ड है। क्यूंकी जिस राज्य में आपकी गाड़ी रजिस्टर्ड है, उसका अंग्रेजी में संक्षिप्त नाम नंबर प्लेट पर लिखा होता है। लेकिन अब केंद्र सरकार ने राज्यों के नाम के बजाय पूरे भारत के लिए BH सीरीज प्रस्तावित की है। इससे पूरे देश में BH सीरीज के नंबर मिल सकेंगे। यानी किसी राज्य के बजाय नंबर प्लेट पर BH से नंबर की शुरुआत होगी । शुरुआत में इस योजना का लाभ उन लोगों को होगा, जो केंद्र सरकार की नौकरी में हैं, सेना में हैं या प्राइवेटी नौकरी करते हैं और उनका ट्रांसफर होता रहता है । प्रस्तावित प्रक्रिया से न केवल समय बचेगा, बल्कि उन्हें हर बार राज्य बदलने पर सामने आने वाली परेशानियों से भी मुक्ति मिल जाएगी। उसे दूसरे राज्य में जाने पर वाहन का दोबारा रजिस्ट्रेशन नहीं कराना होगा । सभी जटिल कागजी कार्रवाई से मुक्ति मिलेगी और ऑनलाइन होगी पूरी प्रक्रिया।
नयी नंबर प्लेट का क्या होगा फॉर्मेट
अभी गाड़ियों पर जो नंबर प्लेट लगी होती है उसका फॉर्मेट राज्यों के हिसाब से होता है। सबसे पहले राज्य, फिर RTO कोड फिर दो अल्फाबेट और आखिर में 4 अंकों का सीरियल नंबर होता है। जैसे उत्तराखंड में उदाहरण के तौर पर UK-07-AB-1234, जिसमे UK से उत्तराखंड, 07 देहारादून RTO का कोड, बाकी AB1234 गाड़ी का नंबर है |
उदाहरण के तौर पर BH सीरीज के इस नंबर 21 BH 01234 XY से समझें किस अक्षर का क्या होगा महत्व | तो यहाँ प्लेट में सबसे लिखा है 21 जो पंजीकरण के वर्ष को दर्शाएगा, उसके बाद है BH जो भारत नंबर की सीरीज दर्शाता है | इसके बाद 01234 चार अंक और XY वाहन का शेष पंजीकरण नंबर होगा, जो प्रत्येक वाहन का अलग अलग होगा |
पुराने वाहनों के लिए BH सीरीज अप्लाई करने का तरीका
यदि गाड़ी दूसरे राज्य की है तो गाड़ी के रजिस्टर्ड RTO से NOC लेना होगा। जिसके बाद नए RTO में वाहन स्वामी को कम से कम 2 साल का रोड टैक्स देना होगा । जिसके बाद पुराना RTO टैक्स रिफंड हो जाएगा । इसके बाद वाहन मालिक BH सीरीज के लिए अप्लाई कर सकते हैं । जिसके लिए कंपनी से जुड़े डॉक्युमेंट, गाड़ी के रजिस्ट्रेशन और खुद के डॉक्युमेंट की जरूरत होगी ।
नए वाहनों के लिए आप BH सीरीज का रजिस्ट्रेशन, वाहन को खरीदते समय ही किया जा सकता है । बस उसके बाद आप हैं फ्री देश में कहीं भी गाड़ी चलाने के लिए |