देहरादून | क्रिकेट को लेकर रणजी ट्रॉफी में उत्तराखंड का नाम भी एक वर्ल्ड रिकॉर्ड में शुमार हो गया | हालांकि जिस वजह से राज्य की टीम का नाम इसका का हिस्सा बना है उसे कोई भी राज्यवासी याद नहीं करना चाहेगा | दरअसल रणजी ट्रॉफी क्वार्टर फाइनल में मुंबई ने उत्तराखंड को रिकॉर्ड 725 रनों से हराया जो अब तक भारत में ही नहीं बल्कि विश्व में भी अब तक रनों के लिहाज से सबसे बड़ी जीत है |
इस मैच में उत्तराखंड को मुंबई की टीम ने दूसरी पारी में जीत के लिए 795 रनों का टारगेट दिया था | लेकिन टीम उत्तराखंड बेहद शर्मनाक तरीके से मात्र 69 रन पर आउट हो गई | इससे पूर्व मुंबई ने 8 विकेट के नुकसान पर 647 रन बनाकर अपनी स्कोर पर अपनी पहली पारी घोषित की थी । उसके बाद उत्तराखंड के बल्लेबाजों ने में आता हूँ तू चल की तर्ज़ पर मात्र 114 रनों पर चलते बने । मुंबई की टीम ने दूसरी पारी 261 पर घोषित कर उत्तराखंड को जीत के लिए 795 रनों का बड़ा लक्ष्य दिया। लेकिन उत्तराखंड की पूरी टीम पहली पारी से भी आधे स्कोर 69 रन पर ही ही ढेर हो गयी और बेहद शर्मनाक परफ़ोर्मेंस के आधार पर इस वर्ल्ड रिकॉर्ड का हिस्सा बन गई |
वर्ल्ड क्रिकेट के आंकड़ों के अनुशार इससे पूर्व ऑस्ट्रेलिया में 1930 में न्यू साउथ वेल्स ने क्वींसलैंड को 685 रन के सबसे अधिक अंतर से हराया था। उसके बाद अब 92 साल बाद मुंबई ने यह रिकॉर्ड तोड़ा है | भारत की ही बात करें तो प्रथम श्रेणी की सबसे बड़ी जीत सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड साउथ जोन के नाम है। जिसने वर्ष 2011 के दलीप ट्रॉफी मुकाबले में सेंट्रल जोन को 552 रन से हराया था। इसके बाद रनों के अधिक अंतर के मामले में दूसरा नाम आता है बंगाल का | जिसने 1953 में ओडिशा को 540 रन से हराया था।
राज्य निर्माण के बाद से उत्तराखंड में क्रिकेट से अधिक चर्चा क्रिकेट यूनियनों की BCCI से मान्यता को लेकर आपसी लड़ाई की रही है | लेकिन देर सबेर मान्यता मिलने के बाद राज्य की टीम को रणजी में खेलना स्थानीय खिलाड़ियों के लिए उम्मीद की किरण बनकर आया | लेकिन राज्य की दृष्टि से कभी याद न रखने वाले रिकॉर्ड का हिस्सा बनने के बाद एक बार फिर राज्य में क्रिकेट के गिरते स्तर चर्चा होना लाजिमी है |