देहरादून | पहली मर्तबा मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने देवभूमि उत्तराखंड में कुछ लोगों के कृत्यों की आलोचना की है | ये वो तमाम पर्यटक हैं जो आए तो तीर्थयात्रा के नाम पर पुण्य कमाने चार धाम यात्रा पर आए थे, लेकिन अपने पीछे छोड़े टनों कचरे से बाबा केदार की पावन धरती को मैला कर गए | यही वजह है कि रेडियो पर प्रसारित इस कार्यक्रम की 89वीं कड़ी में आज पीएम मोदी को कहना पड़ा कि एक और ‘चारधाम’ और खासकर केदारनाथ यात्रा को लेकर हजारों लोग यात्रा के सुखद अनुभव भी बांट रहे हैं वहीं दूसरी और कुछ यात्रियों द्वारा फैलाई जा रही गंदगी से कई लोग बहुत दुखी भी हैं। उन्होंने कहा कि हम, पवित्र यात्रा में जाएं और वहां गंदगी का ढेर हो, ये ठीक नहीं।
हालांकि आलोचना से अलग मोदी ने यह भी कहा कि शिकायतों के बीच कई अच्छी तस्वीरें भी मिल रही हैं। कई श्रद्धालु ऐसे भी हैं जो बाबा केदार के धाम में दर्शन पूजन के साथ स्वच्छता की भी साधना कर रहे हैं। कोई अपने ठहरने के स्थान के पास सफाई कर रहा है तो कोई यात्रा मार्ग से कूड़ा-कचरा साफ कर रहा है। स्वच्छ भारत की अभियान टीम के साथ मिलकर कई संस्थाएं और स्वयंसेवी संगठन भी वहां काम कर रहे हैं। उन्होने लोगों से तीर्थ यात्रा के साथ तीर्थ सेवा की भावना को भी अपनाने पर बल देते हुए कहा कि हमारे यहां तीर्थ-यात्रा के महत्व के साथ तीर्थ-सेवा का भी महत्व बताया गया है और मैं तो ये भी कहूंगा तीर्थ-सेवा के बिना तीर्थ यात्रा भी अधूरी है।”
अपने सम्बोधन में पीएम मोदी ने रूद्रप्रयाग के मनोज बैंजवाल का जि़क्र करते हुए कहा कि विगत 25 सालों से वह पर्यावरण की देख-रेख का बीड़ा उठाए हैं। इतना ही नहीं स्वच्छता के साथ ही पवित्र स्थलों को प्लास्टिक मुक्त करने की मुहिम भी चला रहे हैं। उन्होने गुप्तकाशी के सुरेंद्र बगवाड़ी की प्रसंसा भी की जिनहोने अपने स्वच्छता अभियान का नाम ही ‘मन की बात’ रख लिया है। उन्होने कहा इसी तरह कहा देवभूमि उत्तराखंड में कई लोग तीर्थों की स्वच्छता और सेवासाधना में लगे हुए हैं। उन्होंने बाते देवर गांव की चम्पादेवी पिछले तीन साल से अपने गांव की महिलाओं को कूड़ा प्रबंधन सिखा रही हैं और अपने परिश्रम से सैकड़ों पेड़ लगाकर एक हरा-भरा वन तैयार कर दिया है। पीएम मोदी ने यात्रा पर आए पर्यटकों को सलाह देते हुए कहा कि देव भूमि और तीर्थों की वो दैवीय अनुभूति का जिसका अनुभव करने के लिए हम वहां जाते हैं, उस देवत्व और आध्यात्मिकता को बनाए रखने की जिम्मेदारी हमारी भी तो है। उन्होंने कहा कि, ” लेकिन, मैंने, ये भी देखा कि, श्रद्धालु केदारनाथ में कुछ यात्रियों द्वारा फैलाई जा रही गंदगी की वजह से बहुत दुखी भी हैं | सोशल मीडिया पर भी कई लोगों ने अपनी बात रखी है | हम, पवित्र यात्रा में जाएं और वहां गंदगी का ढेर हो, ये ठीक नहीं.| लिहाजा हम चाहे जहां भी जाए इन तीर्थ स्थलों पर अधिक साफ़ सफाई रखते हुए इनकी गरिमा हमें बनाकर रखनी चाहिए |