अपनी बेबाकी और व्यंग्यात्मक भाषण शैली के लिए मशहूर, महाराष्ट्र के राज्यपाल और पूर्व सीएम भगत सिंह कोशियारी ने राहुल गांधी पर तीखा हमला किया | अपने संसदीय अनुभवों पर आधारित पुस्तक के विमोचन पर पूर्व कॉंग्रेस अध्यक्ष के साथ हुए संस्मरण सुनाते हुए उन्होने तंज़ किया कि राहुल की नज़रों में उत्तराखंड की पारंपरिक काली टोपी, जो वह भी पहनते हैं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी है और हिंदुत्व के विचारक वीर सावरकर संघ से थे । भगत दा यहीं नहीं रुके और इस मौके पर केंद्र की संसदीय रणनीति की तारीफ करते हुए कहा कि राहुल जैसे विपक्ष के नेता हो यही नीति अपनानी चाहिए |
भगत सिंह कोशियारी के संसदीय अनुभवों पर आधारित पुस्तक का विमोचन दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में किया गया | इस पुस्तक में कोश्यारी द्धारा संसद के दोनों सदनों राज्यसभा एवं लोकसभा में दिए गए भाषणों का संकलन किया गया है । अपने भाषण में कोश्यारी ने राहुल गांधी से जुड़े अपने संस्मरण को सुनाया कि बहुत से लोग उनकी काली टोपी को देखकर उसी तरह प्रतिक्रिया देते हैं जैसे एक बैल लाल कपड़ा दिखाने पर करता है । उन्होंने बताया कि राहुल गांधी ने मुझसे मुझसे संसद परिसर में पूछा कि आप काली टोपी क्यों पहनते हैं ? मैंने उनसे कहा कि अमूमन लोग इसे उत्तराखंड में पहनते हैं । इस पर राहुल ने कहा कि ‘नहीं, नहीं, आप आरएसएस से हैं और यह टोपी भी । मैंने स्पष्ट किया कि मैं आरएसएस से हूं लेकिन टोपी उत्तराखंड की है। वावजूद इसके उन्होने दोबारा भी अन्य सांसदों के सामने जानबूझ कर यही बात दोहराई | इतना ही नहीं उन्होने वीर सावरकर को भी संघी बताया | मेरे द्धारा स्पष्ट किया गया कि सारवरकर कभी भी आरएसएस के सदस्य नहीं रहे |
अब चूंकि इस मौके पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अश्विनी कुमार चौबे, कोश्यारी और भाजपा के वरिष्ठ नेता श्याम जाजू भी मौजूद थे । तो लगे हाथ उन्होने सरकार को भी सलाह दे डाली कि जब विपक्ष में राहुल गांधी जैसी जानकारी वाले नेता है तो सदन को हालिया सत्र जैसी रणनीति को ही अपनाया जाना चाहिए | इस 450 पृष्ठों की पुस्तक में कोश्यारी द्वारा याचिका समिति के अध्यक्ष के रूप में लिए गए अनेक महत्वपूर्ण निर्णयों उनके जीवन से जुड़े हुए महत्वपूर्ण छायाचित्रों को भी संकलित किया गया है ।