खबरों में बने रहने या सोशल मीडिया में ट्रैंड करने के बाद आज अपने प्रॉडक्ट के प्रचार का भी सबसे सरल और असरकार तरीका बन गया है हिन्दू समाज की मान्यताओं और रीति रिवाजों का मज़ाक बनाना या विरोध करना | इस बार माध्यम बनाया गया है हिन्दू सुहागिनों के त्याग का प्रतीक त्यौहार करवा चौथ को | हैरानी की बात है कि इस त्यौहार से जुड़ी पति पत्नि की आदर्श परंपरा का मज़ाक उड़ाकर विवाद खड़ा करने वाली कोई आम कंपनी नहीं बल्कि आयुर्वेद के नाम पर अपना साम्राज्य खड़ा करने वाली डाबर इंडिया है | जिसने अपने उत्पाद फेम ब्लीच के ऐड में समलैंगिकों को आपस में करवाचौथ मनाते दिखाया गया है |
हाल में ही रिलीज डाबर इंडिया के उत्पाद फेम ब्लीच के विज्ञापन से जबर्दस्त विवाद खड़ा गया है | इस विज्ञापन के रिलीज होते ही यह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है । दरअसल इस विज्ञापन में विवाद की वजह है एक समलैंगिक जोड़े (लेस्बियन) को करवा चौथ मनाते हुए दिखाया जाना । इसमे फिल्माया गया है कि दो महिलाएं पति पत्नि की भांति एक दूसरे को करवा चौथ की परंपरा के तहत छलनी में देख कर व्रत खोल रही हैं | हालांकि सोशल मीडिया का एक बेहद छोटा सा हिस्सा इसे अभिव्यक्ति की आजादी से जोड़कर इसका समर्थन कर रहा है | वहीं अधिकांश लोग इसे हिंदू त्योहारों का मजाक मान रहे है । हालांकि विज्ञापन पर विवाद बढ़ता देख डाबर ने सोशल मीडिया के जरिए लोगों से माफी मांगी है और भावनाएं आहत होने पर दुख जताया है |
हालांकि इससे पहले इंडियन सेलिब्रेटी और विदेशी कंपनियों द्धारा इस तरह की सोची समझी गलती की जा रही थी | लेकिन अब एक के बाद एक भारतीय कंपनियों का भी चर्चा पाने के लिए इस तरह के हथकंडे अपनाना बेहद शर्मनाक और सोचनीय है |