विगत कुछ वर्षों से देश विरोधी विचारों की बौद्धिकशाला के नाम से पहचान बनाने वाली जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में अब राष्ट्रवादी एक्सपेर्ट तैयार किए जाएँगे | जी हाँ अब JNU में आतंकवाद के खिलाफ ‘सेंटर फॉर नेशनल सिक्योरिटी’ को स्थापित किया गया है। जिसमें देश विरोधी विचारधारा को डिकोड और आतंकवाद के सभी पहलुओं पर स्कॉलर रिसर्च करेंगें |
राष्ट्रवादी विचारों को लेकर स्थापित इस विभाग में देश की सुरक्षा के लिए खतरा बने क्रॉस बार्डर टेररिज्म और स्टेट स्पॉन्सर्ड टेररिज्म समेत आतंकवाद पर डॉक्टरेट लेवल की रिसर्च की जाएगी । एक्सपर्ट की टीम, जो न सिर्फ आतंकवाद के खिलाफ पॉलिसी बनाएगी, बल्कि एंटी नेशनल एक्टिविटी और विचारधारा को भी डीकोड करेगी ।गौरतलब है कि 9 फरवरी, 2016 को JNU में वामपंथी विचार धारा के छात्रों द्धारा देश विरोधी नारे लगाने के बाद से लगातार यह विश्वप्रसिद्ध यूनिवेर्सिटी नकारात्मक चर्चा में रही है | हालांकि लेफ्ट विचारधारा का गढ़ कहे जाने वाले JNU में इस दौरान कई बदलाव हुए ।इसके परिसर में तमाम विरोधों के वावजूद शहीद भगत सिंह मार्ग, सावरकर मार्ग बना और स्वामी विवेकानंद की मूर्ति की स्थापना भी हुई ।
कहीं न कहीं इसे ‘देशद्रोही नारों की वजह से धूमिल हुई JNU की छवि को अब सेंटर फॉर नेशनल सिक्योरिटी स्टडीज के माध्यम से पुनः चमकाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है | विभागाध्यक्ष प्रो. अजय दुबे के अनुशार, ‘देश की सुरक्षा के मसलों पर होने वाले शोध के लिए गहराई बेहद जरूरी है । यहां डॉक्टरेट लेवल की ही रिसर्च की जाएगी, ताकि रिसर्च स्कॉलर अपने विषय को पूरी तरह समझने के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचे | उम्मीद है कि इनमें बहुत से स्कॉलर आगे चलकर देश की सुरक्षा से जुड़ी नीतियों पर बतौर एक्सपर्ट काम कर सकते हैं।’
आज क्रॉस बार्डर टेररिज्म, स्टेट स्पांसर्ड टेररिज्म में आधुनिक टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जा रहा है। लेकिन हथियारों से ज्यादा नरेशन से भी आतंकवाद देश के खिलाफ लड़ाई कर रहा है। हमें उस नरेशन को भी समझना होगा, जो वैचारिक स्तर पर लोगों को आतंकवाद के प्रति आकर्षित करता है। इसे समझने के लिए हम केरल का उदाहरण ले सकते हैं | अभी हाल ही में इस राज्य के कई युवाओं ISIS में भर्ती होने की खबरें सामने आई | केरल राज्य बेहद विकसित और साक्षरता दर में भी आगे है। वावजूद इसके युवाओं का आतंकवादी विचारधारा की और आकर्षित होना यह नरेशन का ही कमाल है | यह लोगों के विचारों को ट्रैप करता है, उन पर हमला करता है।
वो कौन से मुद्दे होंगे जिन पर होगा शोध
क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म समेत आधुनिक आतंकवाद के तरीकों जैसे बायोलॉजिकल वेपन, सोशल मीडिया, साइबर क्राइम, इंटरनल सिक्योरिटी, देश के खिलाफ नरेशन बनाने की प्रक्रिया के हर आयाम पर रिसर्च होगी । सबसे खास बात यह होगी कि यहां का कंप्यूटर साइंस, IT और अन्य टेक्निकल विभाग इसमें आतंकवाद के आधुनिक हथियार, यानी टेक्नोलॉजी के उपयोग को लेकर रिसर्चर के साथ मिलकर काम करेंगे। मॉलिक्यूलर बायोलॉजी विभाग बायोलॉजिकल वेपन के रिसर्चर्स के साथ सहयोग करेगा |
JNU के इस विभाग ने स्पष्ट किया है कि हमारी कोशिश किसी धर्म विशेष को टारगेट करने की नहीं है । हमारा उद्देश्य आतंकवाद के हर आयाम को जांचने और परखने के बाद ही शोध करना है । हम नेशनल सिक्योरिटी के लिए सबसे बड़ा खतरा बने आतंकवाद पर शोध कर एक्सपर्ट की टीम तैयार करना चाहते हैं । देश में आतंकवाद जिस रूप में भी हो उसे डीकोड कर हमारे रिसर्चर उसकी पहचान करेंगे साथ ही उससे लड़ने के तरीके भी खोजेंगे।