देहरादून । मुख्य सूचना आयुक्त अनिल चन्द्र पुनेठा ने सूचना का अधिकार अधिनियम पर एक प्रेस कॉफ्रेंस को संबोधित किया । जिसमें उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि कोविड – 19 महामारी के कारण कुछ माह तक समस्त कार्यालय लॉकडाउन के कारण बन्द रहे और इसके उपरान्त कुछ माह तक सीमित स्टाफ के साथ कार्य किया गया। आयोग के द्वारा इस मध्य मोबाइल के माध्यम से द्वितीय अपीलों और शिकायतों का निस्तारण किया गया। कोविड महामारी से पूर्व जहाँ आयोग में सामान्यतः लगभग 1500 वाद सुनवाई हेतु लम्बित रहते थे माह जनवरी, 2022 में उनकी संख्या बढ़कर 3000 हो गयी थी। माह जनवरी, 2022 से जून 2022 तक की छः माह की अवधि में लगभग 1000 नये वाद भी आयोग को सुनवाई हेतु प्राप्त हुए।
माह जनवरी से जून, 2022 की अवधि में उत्तराखण्ड सूचना आयोग के द्वारा कुल 1598 द्वितीय अपीलों और शिकायतों की सुनवाई करते हुए कुल 1097 वादों का निस्तारण किया गया। माह जून 2022 में ही आयोग के द्वारा कुल 524 वादों की सुनवाई करते हुए 397 वादों का निस्तारण किया गया। वर्तमान में लगभग 2900 वाद सुनवाई हेतु लम्बित हैं।
कोविड काल में लम्बित वादों की अप्रत्याशित बढोत्तरी को सम्यक रूप से कम किये जाने हेतु आयोग के द्वारा एक ठोस रणनीति तैयार की गयी जिसके परिणाम स्वरूप विगत छरू माह में काफी सुधार हुआ है। इस हेतु राज्य सूचना आयुक्तों द्वारा किये गये प्रयासों के लिए आभार प्रकट करते हुए मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा अवगत कराया गया कि राज्य सूचना आयुक्तों के सहयोग से अगले 4 से 6 माह में द्वितीय अपील और शिकायत के निस्तारण की स्थिति कोविड-19 महामारी से पूर्व की भांति हो जाएगी।
मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड सरकार और विभागों के अधिकारियों द्वारा प्रदान किये जा रहे सहयोग के लिए भी आभार प्रकट किया गया।
उत्तराखण्ड राज्य के विभागों में वर्ष 2020-21 में सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत 51,000 से अधिक अनुरोध पत्र प्राप्त हुए और 5,400 से अधिक प्रथम अपील प्राप्त हुई। वहीं वर्ष 2021-22 में 35,000 से अधिक अनुरोध पत्र प्राप्त हुए जिसके सापेक्ष 4,300 से अधिक प्रथम अपील प्राप्त हुई।
विभागों से प्राप्त होने वाली रिपोर्ट के अनुसार विभागों से प्राप्त अनुरोध पत्र के सापेक्ष मात्र 10 से 12 प्रतिशत प्रथम अपील प्राप्त हुई। आयोग में लगभग 4 प्रतिशत द्वितीय अपील और शिकायत प्राप्त हुई। सूचना का अधिकार अधिनिमय के तहत विगत दो वर्ष में राज्य में सर्वाधिक अनुरोध पत्र राजस्व तथा गृह विभाग में प्राप्त होते हैं जोकि कुल प्राप्त अनुरोध पत्रों का लगभग 30 प्रतिशत है।
राज्य में सर्वाधिक सूचना अनुरोध पत्र देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर, नैनीताल से प्राप्त होते हैं।
विगत दो वर्षों में उत्तराखण्ड सूचना आयोग को राजस्व विभाग और विद्यालयी शिक्षा विभाग की सर्वाधिक द्वितीय अपील प्राप्त हुई हैं जोकि कुल द्वितीय अपील का 25 से 30 प्रतिशत रहा।
आयोग में सर्वाधिक द्वितीय अपील और शिकायत जनपद देहरादून और हरिद्वार से प्राप्त होते हैं जोकि आयोग में प्राप्त कुल द्वितीय अपील और शिकायत का 55 प्रतिशत से भी अधिक है।
विगत दो वर्ष में आयोग को प्राप्त द्वितीय अपील और शिकायत में 7 से 8 प्रतिशत महिलाओं के द्वारा द्वितीय अपील और शिकायत की गयी।
शहरी और ग्रामीण क्षेत्र की दृष्टि से 30 से 35 प्रतिशत द्वितीय अपील और शिकायत आयोग को ग्रामीण क्षेत्र से प्राप्त होती हैं।