डोईवाला । शहीद दुर्गा मल्ल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय डोईवाला देहरादून के हिंदी विभाग एवं रेख्ता फाउंडेशन द्वारा ‘हिंदवी कैंपस कविता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में प्रोफेसर गुरुशरण सिंह रंधावा जोकि रुड़की आईआईटी मे प्रोफेसर रहे है ने अध्यक्षता की। कार्यक्रम का प्रारंभ प्राचार्य डॉक्टर डी सी नैनवाल ने अतिथियो का स्वागत किया । डॉक्टर डी एन तिवारी ने कार्यक्रम की रूपरेखा रखते हुए बताया कि पहला सत्र डॉक्टर पूरण सिंह को संपर्पित है क्योंकि डोईवाला उनकी कर्म भूमि रही है।लेफ्टिनेंट जनरल जसवीर सिंह ढिल्लों ने बताया कि डॉक्टर पूर्ण सिंह एफ आर आई में केमिस्ट्री विभाग के प्रोफेसर रहे व प्रसिद्ध निबंधकार भी रहे। डॉक्टर डी पी सिंह ने डॉ पूर्ण सिंह किआलोचनात्मक व्याख्या प्रस्तुत की व बताया कि उनका आचरण की सभ्यता निबंध उनके दृष्टिकोण को सही रूप में परिलक्षित करता है। पंजाब से उपस्थित सुखदेव सिंह सिरसा ने विस्तार से आलोचनात्मक दृष्टिकोण को प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि डॉक्टर पूर्ण सिंह ने गृहस्थ में रहते हुए सन्यासी का जीवन जिया। उनकी कविता आम जन समजब सकते थे। वह संवाद करते थे।उन्होंने धर्म , विज्ञान उपनिवेश वाद,व आधुनिकता पर स्वतंत्र विचार प्रकट किये। उन्होंने जहां एफ आर आई में कार्य किया वहीं अपनी रचनाये लिखी व वह अंग्रेज़ो के विरुद्ध क्रान्तिकारी भी रहे उन्होंने
मदन लाल ढींगरा के साथ भी कार्यकिया। प्रोफेसर गुरुशरण सिंह ने बताया कि उन्हें नैसर्गिक रूप से डॉ पूर्ण सिँह के जीवन के समानताये पाई साथ ही वह उनके जीवन से अत्यधिक प्रभावित रहे। उन्होंने डॉ पूर्ण सिंह के नाम से शोध करने वाले छात्र छात्राओं के लिए एफ आर आई में अवार्ड भी प्रारंभ किये हैं। इस सत्र का संचालन डॉक्टर नवीन नैथानी ने किया ।
दूसरे एवं तीसरे सत्र में मंच पर प्रसिद्ध कवि लीलाधर जगूड़ी उपस्थित रहे। साथ ही प्रसिद्ध कवि एवं फिल्मकार देवी प्रसाद मिश्र ने संवाद व काव्य पाठ किया। साथ ही बताया कि काव्य रचना करना आत्म साक्षत्कार करना है।नए कवियों द्वारा किये गए कविता पाठ का आलोचनात्मक विवरण प्रस्तुत किया।आपसे पूर्व शिक्षिका सपना भट्ट ने कविता पाठकिया। उत्तराखंड के विभिन्न कॉलेज से आये विद्यर्थियों ने कविता पाठ किया ।जिनमे दून विश्विद्यालय से सोनिया नौटियाल,डी ए वी से अंजलि राणा,हल्द्वानी जे पूजा भट्ट, एवं काजोल प्राची सेमवाल ऋषिकेश , लोकेश जोशी एवं लोकेन्द्र भंडारी द्वाराहाट से। ऋतु रावल एवं आयुष धयानी डोईवाला,भास्कर कुकरेती रुद्र पुर ने काव्य पाठ किया। पद्म श्री लीलाधर जगूड़ी ने कहाकि रचनात्मक उत्कृष्टता के लिए अध्ययन करना आवश्यक है। हमारे वक्तव्य एवं लेखन में शुद्धता एव स्पष्टता होनी चाहिये। प्रत्येक कवि स्वयं में मौलिक होता है। उन्होंने अनेक सूंदर कविताओं का मंचन किया।इन सत्रो का सुंदर संचालन डाक्टर पल्लवी मिश्रा ने किया।
कार्यक्रम में डॉ एन डी शुकला, डॉक्टर आर एस रावत, डॉक्टर संतोष वर्मा,डॉक्टर प्रमोद पंत, डॉक्टर ब्लूडी डॉक्टर एस पी पंत डॉक्टर अफ़रोज़ इक़बाल ,डॉक्टर राखी पंचोला, डॉक्टर पूनम पांडेय डॉक्टर अंजलि वर्मा, डॉक्टर वल्लरी कुकरेती, डॉक्टर संगीता रावत, डॉक्टर पूरन सिंह खाती ,डॉक्टर मनीषा सारस्वत, डॉक्टर रेखा नौटियाल, डॉक्टर पूनम रावत ,डॉक्टर पूनम धस्माना, गुजन.सपना, सीमा गुसाई एवं छात्र संघ अध्य्क्ष राजकिरण सहित अनेक छात्र छात्राये उपस्थित थे।