गर राजनैतिक चश्में न देखा जाये तो यह खबर विकट परिस्थितियों में भी अपनी संस्कृति को न भूलने और इन्ही संस्कृतिक विरासतों को सम्मान देने की | इसका सर्वोत्तम उदहारण सीएम योगी ने उस समय पेश किया जब उन्होने श्री राम जन्मभूमि का अभिषेक अफगानिस्तान की एक बालिका द्वारा भेजे काबुल नदी के जल से किया। एक और महत्वपूर्ण तथ्य और है कि यह जल पीएम मोदी को इस बालिका ने भेजा था जिसे उन्होने योगी को दिया था ।
आज अफगानिस्तान में जिंदा रहने की जद्दोजहद के बीच भी लोग आज भी अपनी संस्कृति से कितना जुड़े हुए हैं इसका अविस्मरणीय उदाहरण पेश किया है काबुल में रहने वाली एक हिन्दू बालिका ने (जिसका नाम हम उसकी वहाँ सुरक्षा कारणों के चलते जाहिर नहीं कर सकते हैं) । अभिनंदनीय है कि इस बालिका ने पीएम मोदी को काबुल नदी का जल भेज कर इससे राम जन्मभूमि का अभिषेक करने की प्रार्थना की थी | इस बालिका की भावना का सम्मान करते हुए प्रधानमंत्री ने यह जल सीएम योगी को उसकी इच्छा के साथ सौंपा था | आज बालिका के भेजे जल को श्री राम जन्म भूमि को समर्पित करते हुए योगी ने कहा कि मैं उस बेटी और परिवार की भावना का सम्मान करते हुए मैं स्वयं ये जल लेकर अयोध्या आया हूँ । अपनी बात को विस्तार से समझाते हुए योगी ने कहा कि जरा सोचिए काबुल में जो हाल है, ऐसी परिस्थितियों में भी उस बालिका ने बिना परवाह किए ये जल भेजा है, मैं उनके परिवार की मंगल कामना करता हूं
बेशक यह खबर एक नज़र में किसी ब्रैकिंग या हैडलाइन जैसी नहीं नज़र आती होगी, लेकिन इस बालिका और मोदी-योगी का यह प्रयास संस्कृति और सभयताओं को सम्मान देने में लाइट हाउस का काम करेगा |