ये कैसी अभिव्यक्ति की आज़ादी है कि किसी सैनिक और वो भी देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के देहांत पर भी कुछ लोग कट्टरता और नफरत का प्रदर्शन करने से बाज नहीं आ रहे हैं । ऐसे ही कुछ जेहादी और लेफ्ट लिबरल आए हैं कानून के शिकंजे में, जो सोशल मीडिया पर जनरल रावत की मौत को लेकर गालियों से भी गंदी और बेहूदा टिप्पणी कर जश्न मना रहे हैं | हालांकि विभिन्न राज्यों की पुलिस ने अब इन पर कड़ी कार्यवाही करते हुए गिरफ्तारियाँ शुरू कर दी है|
किसी खेल में भारत की हार या आतंकी घटना में सैनिकों की शहादत पर जश्न मनाने वाले एक बार फिर घिनौनी हरकत कर रहे हैं CDS विपिन रावत की मौत पर| जनरल बिपिन रावत की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु होने पर कई असामाजिक तत्वों के खुशी जाहिर वाले वीडियो स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। बोलने की आज़ादी के नाम पर उन्माद फैलाने वाले इन वीडियो को लेकर फिलहाल पुलिस ने कार्यवाही कर गिरफ्तारियाँ शुरू कर दी हैं। इसी क्रम में राजस्थान के टोंक से एक शख्स जावाद खान को गिरफ्तार किया गया है| उसने अपने सोशल मीडिया हैंडल से जनरल रावत की फोटो के साथ लिखा था, “जहन्नुम जाने से पहले ही जिंदा जल गया”। एक भाजपा नेता लक्ष्मीकांत भरद्वाज की शिकायत पर पुलिस ने अमर्यादित टिप्पणी करने वाले व्यक्ति जावाद खान पुत्र अब्दुल नक्की खान को गिरफ्तार कर लिया गया है|
गुजरात में एक समाजवादी पार्टी समर्थक शिवाभाई अहीर ने तो हद ही पार कर दी | अपने फेसबुक पोस्ट में आपत्तिजनक टिप्पणी में मेलिखा कि पुलवामा द्रोही मनोहर पर्रिकर, सेना प्रमुख बिपिन रावत के बाद अब डोभाल की बारी। इसी तरह एक अन्य मामले में IIT दिल्ली के छात्र राम प्रबहरन ने दिवंगत जनरल रावत पर जश्न की इमोजी पोस्ट करते हुए आपत्तिजनक टिप्पणी ट्वीट किया कि दोस्तों, वो होमोफोबिक कूड़ेदान का पीस मर गया। फिलहाल इस मामले में IIT दिल्ली में जांच शुरू हो गयी है| कॉलेज के डाइरेक्टर वी राम गोपाल राव ने ट्वीट कर कहा है कि उन्हे विश्वास नहीं हो रहा है कि दुख की इस घड़ी में कोई इतना संवेदनहीन हो सकता है। बेंगलुरु में लॉ के एक छात्र के खिलाफ भी सोशल मीडिया पर CDS जनरल रावत के मामले को लेकर पीएम मोदी पर किए व्यंग पर भी पुलिस ने शिकायत कर कार्रवाई शुरू कर दी है |
बोलने की आज़ादी के नाम पर अपनी जेहादी सोच और किसी खास विचारधारा का विरोध करते करते देश विरोध की सीमा पार चले जाना साबित करता है कि कुछ लोग आज़ादी का दुरुपयोग कर रहे हैं| लिहाजा अब समय आगया है कि कानून ही नहीं समाज को भी ऐसे लोगों का बहिष्कार कर उनके चेहरों से नकाब उठाना होगा|