देहरादून, भाजपा ने पीएम प्रमुख सचिव समेत तमाम जिम्मेदार लोगों का ग्राउंड जीरो पर लगातार जाना बताता है कि देश के लिए एक-एक श्रमिक के जान की क्या अहमियत है । भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने कांग्रेसी बयानबाजियों को गैरजिम्मेदाराना बताते हुए कहा कि सभी श्रमिक टनल से सुरक्षित बाहर आएंगे भी और राज्य में 2.5 लाख करोड़ का निवेश भी आएगा । साथ ही कटाक्ष किया कि सभी आपदा के खिलाफ लड़ रहे हैं और कांग्रेस इन कोशिशों के खिलाफ लड़ रही है।
पीएमओ प्रमुख सचिव पी के मिश्रा के सिलक्यारा पहुंचकर आपदा प्रबंधन कार्यों का जायजा लेने पर मीडिया के सवालों का जवाब देते श्री भट्ट ने इसे पीएम मोदी की श्रमिकों को लेकर चिंता बताया । उन्होंने कहा, पूरा देश टनल में फंसे 41 मजदूरों के सुरक्षित बाहर आने के प्रार्थना कर रहा है । पीएम मोदी पल पल की जानकारी ले रहे हैं, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, वी के सिंह वहां पहुंचे और मुख्यमंत्री धामी लगातार वहां डेरा लगाए हैं । लेकिन अफसोस कांग्रेस रेस्क्यू अभियान और सीएम के वहां कैंप करने पर गैरजिम्मेदाराना व नकारात्मक बयानबाजी कर रही है । उन्होंने कहा, सीएम धामी प्रदेश की जनता के अधिकृत प्रतिनिधि के नाते वहां सामने से अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं और कांग्रेस आपदा की आड़ में अपना राजनैतिक मंसूबा पूरा करने में जुटी है। उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार के समन्वय से दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञों की टीम वहां फंसे 41 जिंदगियों को बचाने में लगी हैं । मुख्यमंत्री स्वयं मौके पर रहकर बचाव टीम, श्रमिकों और उनके स्वजनों का मनोबल बढ़ाने का काम कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस को यह सब आपदा में अवसर ढूंढना लगता है । उन्होंने कटाक्ष किया कि कांग्रेस का यही मानक माने तो क्या उनके नेता भी वहां फोटो सेशन करने गए थे । विशेषज्ञों की सलाह पर आपदा प्रबंधन टीम की कोशिशों का परिणाम है कि सभी श्रमिक सुरंग में सुरक्षित है, उनसे कम्युनिकेशन हो रहा है और उनकी जरूरत की हर जरूरी चीज उन्हें मुहैया करायी जा रही है । रेस्क्यू टीम अपनी कोशिशों के अनुशार मजदूरों के बाहर निकलने की अनुमानित जानकारी साझा करती है लेकिन तकनीकी बाधा के कारण ऐसा संभव नहीं हो रहा है । लेकिन इस संवेदनशील मुद्दे और बचाव की इस गंभीर कोशिशों के असफल होने पर तंज कसना व व्यंग करना, कांग्रेसी नकारात्मक सोच को उजागर करता है ।
कैंप कार्यालय से सीएम के निवेश पर दिए बयान पर सवाल खड़ा करने को भट्ट ने कांग्रेस की विकास विरोधी सोच बताया है । उन्होंने कहा, जिस तरह का इंफ्रास्ट्रक्चर इन 9 वर्षों में पीएम मोदी के मार्गदर्शन में यहां तैयार किया गया है, जितनी विस्तृत तैयारी व वृहद विजन सरकार की है, जिस गंभीरता से मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में प्रयास किए जा रहे हैं वो स्पष्ट बताता है कि उत्तराखंड में समिट के माध्यम से 2.5 लाख करोड़ से अधिक का निवेश आना तय है । उन्होंने तंज किया कि यह सब कांग्रेस नेताओं की समझ से परे है क्योंकि इन्होंने सत्ता में रहते कभी प्रदेश के विकास को लेकर गंभीर प्रयास नही किया । इतना ही नहीं, अटल सरकार द्वारा दिए विशेष औधौगिक पैकेज को यूपीए सरकार ने वापिस ले लिया था । उन्होंने कटाक्ष किया कि जो निवेश की संभावनाओं पर व्यंग कर रहे हैं, वही करन माहरा 2010 में बतौर विधायक पैकेज वापिसी पर सदन में चुप्पी साधे बैठे रहे ।
भट्ट ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नही चाहती राज्य का विकास हो, यही वजह है कि वह इन्वेस्टर समिट के असफल होने की लगातार कामना कर रही है । इसी तरह टनल में फंसी जिंदगियों को बचाने की कोशिशों पर सवाल खड़ा करने की उनकी राजनीति को भी जनता देख और समझ रही है और समय आने पर उन्हें अवश्य सबक सिखाएगी।