देहरादून । भाजपा ने रानीखेत विधायक के भाई को लेकर हरदा के आरोपों को राजनैतिक लाभ के लिए सनसनी फैलाने कोशिश बताया है। प्रदेश प्रवक्ता सुरेश जोशी ने पलटवार किया कि इस पूरे घटनाक्रम में हुई अब तक हुई कानूनी कार्यवाही, पूरी तरह निष्पक्षता की पुष्टि करती है । वहीं गौकशी को लेकर कांग्रेस की सुविधावादी बयानबाजी पर कटाक्ष किया कि वे इधर उधर की बात न करें, जनता सीधे सीधे जानना चाहती है वे गौहत्यारों के पक्ष में क्यों खड़े हैं ।
पूर्व सीएम हरदा के आरोपों को लेकर उन्होंने स्पष्ट किया कि धामी सरकार में प्रदेश में कानून व्यवस्था चाक चौबंद है और बिना किसी भेदभाव के आवश्यक कार्यवाहियां हो रही हैं । भारत नेपाल सीमा की जिस घटना की बात वे कर रहे हैं वह भी इसी सच्चाई को तस्दीक करती है । वहां यदि कुछ भी गलत पाया गया तो मौके पर उचित कानूनी कार्यवाही हुई है और किसी को कोई भी विशेष तरजीह नहीं दी गई है कांग्रेस की सरकारों की तरह । उन्होंने हरदा के माओवाद वाले बयान को गैरजिम्मेदाराना बताते हुए कहा, बिना तथ्यों के सिर्फ सनसनी पैदा करने के लिए बड़े नेताओं का ऐसे आरोप लगाना उचित नहीं है । हमारी सरकार कानून व्यवस्था को लेकर पूरी पारदर्शिता और कड़ाई से काम कर रही है । जब भी कोई घटनाक्रम सामने आता है, उसपर तत्काल कार्यवाही की जाती है । इस मसले पर भी कानून अपना काम कर रहा है। लिहाजा प्रत्येक मुद्दे को राजनैतिक लाभ लेने के उद्देश्य से बयानबाजी करने से सभी को बचना चाहिए ।
साथ ही गौहत्यारों के संग खड़ा होने के आरोपों कांग्रेसी सफाई को नाकाफी बताते हुए कहा, उन्हे इधर उधर की बात करने के बजाय सीधा जवाब देना चाहिए । देवभूमि की जनता कांग्रेस से एक शब्द में जवाब चाहती है, वे गौकशी करने वालों के पक्ष में हैं या नहीं ? हालांकि इसका जवाब उनकी तुष्टिकरण नीति में ही स्पष्ट हो जाती है । देश गवाह है इंदिरा सरकार में सैकड़ों गौभक्तों को संसद के सामने गोली मारने वाले नरसंहार का, केरल में खुले आम गौमांस खाने के स्टाल लगाने वालों को राहुल का अपनी यात्रा में तवज्जो देने का, कांग्रेस सरकारों में गौहत्यारों को संरक्षण देने का । उन्होंने अवैध मस्जिद को लेकर हिमाचल के कांग्रेसी मंत्रियों की स्वीकारोक्ति से सबक लेने की नसीहत हरदा समेत तमाम प्रदेश कांग्रेस नेताओं को दी।, क्योंकि अब देवभूमि में गौहत्यारों को संरक्षण देने वालों को जनता किसी भी कीमत पर स्वीकार नही करने वाली है। कानून व्यवस्था की आड़ में गौकशी करने वालों का साथ देना कांग्रेस की तुष्टिकरण नीति का हिस्सा है, जिसे लोग अच्छी तरह से समझ रहे हैं ।