देहरादून। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि केदारनाथ उप चुनाव में केदार घाटी, हिंदुओं को बांटने और राज्य का देवतुल्य स्वरूप बदलने की मंशा रखने वालों को सबक सिखाने जा रही है। भट्ट ने तंज किया कि बद्रीनाथ और अयोध्या के नतीजों को सनातन से जोड़ने वाली कांग्रेस को कुरुक्षेत्र, श्री वैष्णो देवी सीट पर हुई हार को भी अपने खिलाफ सनातनी जनादेश मानना चाहिए। वहीं जवान के मुद्दे पर हरियाणा का मत दर्शाता है कि सैनिक बहुल उत्तराखंड की जनता भी अग्निवीर पर मोदी जी के साथ खड़ी है।
विभिन्न मीडिया माध्यमों से हुई बातचीत में भट्ट ने कहा कहा कि देवभूमि की राष्ट्रवादी एवं सनातनी जनता के सामने कांग्रेसी विचारधारा पूरी तरह बेनकाब हो गई है। सब देख रहे हैं कि ये किस तरह इनके नेता राहुल गांधी विदेश में देश तोड़ने की बाते करते हैं और देश में समाज की बांटने की बात करते हैं। देश में संविधान आरक्षण पर झूठ बोलते हैं और विदेश में आरक्षण समाप्त करने का दावा करते हैं। देश में सनातन को कीट मच्छरों की तरह समाप्त करने की बात करते हैं और पहाड़ में श्री केदारनाथ की प्रतिष्ठा बचाने का ढोंग करते हैं ।
हालिया हरियाणा चुनाव परिणामों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि हमने वहां डबल इंजन सरकार के कामों एवं पार्टी संगठन की सक्रियता के दम पर इतिहास बनाया है। वहां राज्य गठन के 58 वर्षों बाद भाजपा, लगातार दो कार्यकाल पूरे कर तीसरी बार प्रचंड बहुमत से सरकार बनाने में कामयाब हुई है। जिस जवान, किसान और पहलवान के मुद्दे पर कांग्रेस देशभर में झूठ फैला रही थी, उस पर इन मुद्दों पर सबसे अधिक प्रभावित रहने वाली हरियाणा की जनता ने पीएम मोदी के निर्णय पर भरोसा जताया है। चूंकि सैनिक बहुल राज्य होने के कारण, उत्तराखंड में भी कांग्रेस इस मुद्दे पर भ्रम फैलाने का षड्यंत्र रच रही है। लेकिन अब हरियाणा के जनादेश ने देवभूमिवासियों के उस विश्वास को और अधिक मजबूत किया है जिसमें वे भी देश की सुरक्षा के लिए युवा एवं समृद्ध सेना को प्राथमिकता देते हैं। लिहाजा केदारनाथ का उपचुनाव हों या शहरी निकायों के चुनाव, राज्य की जनता पीएम मोदी और सीएम धामी के नेतृत्व वाली डबल इंजन सरकार की गति को तेज करने के लिए वोट करने वाली है।
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा पूछा कि फैजाबाद लोकसभा एवं बद्रीनाथ विधानसभा में भाजपा की हार को सनातन के मुद्दे की हार के रूप में दुष्प्रचारित करने वाली कांग्रेस का अपनी कुरुक्षेत्र एवं श्री वैष्णो देवी सीट पर मिली हार पर क्या कहना है? जबकि सत्य तो यह है कि अयोध्या विधानसभा में भाजपा का ही विधायक है और बद्रीनाथ सीट पहले से कांग्रेस के पास थी। इसी तरह जनसंख्या के आधार पर भी समीक्षा की जाए तो 90 फीसदी से अधिक हिंदू जनसंख्या वाले राज्य हरियाणा में कांग्रेस की लगातार तीसरी हार को क्या उनके खिलाफ सनातन का जनादेश माना जाए? लेकिन केदारनाथ की जनता सनातन के मुद्दे पर कांग्रेसी षड्यंत्र की राजनीति पर पूर्ण विराम लगाने का रही है।