
देहरादून। हरिद्वार पंचायत चुनाव में ऐतिहासिक जीत के साथ ही, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट का चुनावी सारथी बनकर जीत दिलाने का अश्वमेध यज्ञ निरंतर जारी है । 8 राज्यों में लोकसभा व विधानसभा सीटों पर चुनाव प्रभारी बनकर शतप्रतिशत सफलता हासिल करने वाले महेन्द्र भट्ट को लेकर राजनैतिक हलकों में अब यह चर्चा आम हो गयी है कि अधिक योगदान उनकी रणनीतिक कुशलता व मेहनत का हो या उनके भाग्य का, लेकिन उनका नाम पार्टी के लिए चुनावी सफलता की गारंटी बन गया है ।
हरिद्वार त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में एकतरफा जीत के लिए पीएम मोदी व सीएम धामी के अतिरिक्त कोई तीसरा नाम जीत का चेहरा बनकर उभरा है तो वह है पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री महेंद्र भट्ट का, जिनके नाम चुनाव जितवाने का अनूठा अजेय रिकॉर्ड है । 1971 में चमोली जनपद के ब्राह्मण थाला पोखरी गांव में जन्मे श्री भट्ट स्नातकोत्तर शिक्षा ग्रहण करने तक आरएसएस के माध्यम से सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के विचारों को लेकर एबीवीपी में विभिन्न पदों का निर्वहन कर चुके थे । पार्टी संगठन में प्रदेश अध्यक्ष बनने से पूर्व उपाध्यक्ष, सचिव, युवा मोर्चा अध्यक्ष समेत छोटे बड़े तमाम दायित्वों को अंजाम देने वाले भट्ट दो बार विधायक बनकर चुनावी राजनीति का दमखम दिखा चुके हैं । लेकिन इससे से बड़ी उनकी एक खूबी अब राजनैतिक गलियारों से निकलकर अब आम जनता में चर्चा का विषय बन गयी है । और वह खूबी है महेंद्र भट्ट का चुनावी राजनैतिक महाभारत में रणनीतिकार व सारथी बनकर सफलता की शतप्रतिशत गारंटी बनना । पार्टी ने अब तक प्रभारी बनाकर जिस भी चुनाव का उन्हें सारथी बनाया, उसमें उन्होंने अपने उम्मीदवार को कभी हारने नही दिया । फिर चाहे वह छत्तीसगढ़ की जहांगीर पुरी चाप विधानसभा सीट हो, चाहे महारष्ट्र की लातूर सीट हो चाहे झारखंड की शक्ति सीट हो, बिहार की बेनीपुर व दरभंगा सीट, यूपी की बलिया सीट, हिमाचल की सोलन व गाज़ियाबाद की लोकसभा सीट व अन्य सभी सीटों पर उनके नेतृत्व में भाजपा प्रत्याशी की जीत हुई है ।
भट्ट को अन्य राज्यों के साथ उत्तराखंड में भी तीन तीन विधानसभा उपचुनावों की कमान भी सौंपी गई, जिसमे विकासनगर सीट पर वर्तमान प्रदेश उपाध्यक्ष कुलदीप कुमार के चुनाव की बात हो, चाहे थराली उपचुनाव में श्रीमती मुन्नी देवी या कर्णप्रयाग सीट पर सुरेंद्र सिंह नेगी को जीत दिलाने की बात हो, प्रदेश अध्यक्ष भट्ट द्वारा जीत दिलाने का रिकॉर्ड 100 फीसदी ही रहा है ।
अब बात हरिद्वार त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की करे तो यह हमेशा से ही पार्टी के लिए चुनौती रहा है । लेकिन इसमें पहले सदस्यों के चुनाव में पार्टी को मिली बम्पर जीत और फिर अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व ब्लॉक प्रमुखों पर विपक्ष का सफाया होने से उनकी चुनाव जीताने के अजेय ट्रेक रिकॉर्ड की चर्चा पार्टी कार्यकर्ता से लेकर आम जनता के बीच होना स्वाभाविक है । कोई इसे उनकी रणनीति व सांगठनिक कुशलता की जीत बता रहा है, कोई उनकी धरातल पर जाकर कार्यकर्ताओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने व बड़े छोटे सभी नेताओं को साथ लेकर चलने की जीवनपर्यंत कार्यशैली का परिणाम मानता है, लेकिन अधिकांशतया कार्यकर्ता व राजनैतिक जानकार तमाम तर्कों से परे महेंद्र भट्ट को चुनावी वैतरणी पार कराने में बेहद भाग्यशाली मानते हैं । फिलहाल कारण कुछ भी ही लेकिन अंतोगत्वा चुनावी लड़ाई में महेंद्र भट्ट का नेतृत्व विजयी होने की गारंटी बना हुआ है ।