देहरादून, भाजपा ने कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष समेत प्रदेश नेताओं पर तंज कसते हुए कहा है कि गल्वान में शहादत के समय चीनी दूतावास में गुप्त मीटिंग करने और उनसे करोड़ो का चंदा लेने वाले आज देशभक्ति पर ज्ञान बांट रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष श्री महेंद्र भट्ट ने चेताते हुए कहा, वीरों की भूमि उत्तराखंड के लोग सेना के शौर्य का इस तरह अपमान सहन नही करेंगे ।
भट्ट ने दिल्ली से लेकर देहरादून तक कांग्रेस द्वारा राज्य की सीमा को लेकर फैलाये जा रहे प्रोपेगेंडा पर बयान जारी करते हुए कड़ी आलोचना की है । उन्होंने कहा, इनके नेता राहुल गांधी विदेश में देश को बदनाम करते है और पार्टी देश मे भारतीय सेना के शौर्य का अपमान करती है । उन्होंने दिल्ली से लेकर देहरादून तक, कांग्रेस नेताओं के उत्तराखंड से जुड़ी सीमा को लेकर दिए बयानों को बेबुनियाद व गैरजिम्मेदाराना करार दिया है । उन्होंने कहा, चीन से सीमा विवाद को लेकर कांग्रेस को सबसे पहले अपने इतिहास में झांकने की जरूरत है । किस तरह आज़ादी के बाद कांग्रेस सरकारों की अदूरदर्शी नीति के चलते 38 हज़ार वर्ग किलोमीटर भूभाग चीन के कब्जे में गया था। लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2014 के उपरांत 1 इंच भी भूमि किसी दूसरे देश के पास नही गयी है । जहां तक बात है चीन अधिकृत भूभाग पर निर्माण की तो ये आशंका, भारतीय सैनिकों के शौर्य पर हमेशा उंगली उठाने वाले कांग्रेसियों के दिमाग की उपज है । क्योंकि चीन ने अधिकांशतया उन्ही क्षेत्रों के आसपास ही निर्माण के प्रयास किये गए हैं जो कांग्रेस सरकारों की कायरता के चलते ड्रैगन के कब्जे में दशकों पहले चले गए थे।
भट्ट ने कटाक्ष करते हुए कहा, कि जो लोग गल्वान और डोकलाम को लेकर आधी अधूरी जानकारी के आधार पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं उन्हें याद रखना होगा कि जब हमारे वीर सैनिक चीनी सेना से लोहा ले रहे थे तो उनके शीर्ष नेता राहुल गांधी चीनी दूतावास में गोपनीय बैठक कर रहे थे । उन्हें अपने केंद्रीय नेतृत्व से पूछना चाहिए, यूपीए सरकार के समय उनकी पार्टी ने चीन से करोड़ो रूपये का
चंदा क्यों लिया और उसका क्या उपयोग किया । उन्होंने तंज किया कि इनके आलाकमान विदेश में जाकर देश को बदनाम करने का काम करते हैं और इनके राष्ट्र व प्रदेश के नेता सीमा की स्थिति को लेकर भ्रम फैलाकर देश के जांबाज जवानों के शौर्य का अपमान कर रहे हैं । उन्होंने कहा, देवभूमि वीर सैनिकों की भूमि है, लिहाज़ा हमारी सेना के अधिकृत पक्ष को नजरअंदाज करते हुए चीन सीमा में निर्माण को लेकर अफवाह फैलने की इस कोशिश को वे कतई बर्दाश्त नही करने वाले हैं ।