काँग्रेसी दिग्गजों के पाला बदलने की खबरों से अलग, भाजपा में सीट अरेंजमेंट को लेकर कुछ महत्वपूर्ण बदलाव की सुगबुगाहट सुनाई दे रही है | इस बदलाव से पार्टी की जीत की संभावनाओं पर तो असर नहीं पढ़ने वाला, लेकिन उसके विधायकों की सीटों में परिवर्तन हो सकता है | फिलहाल यह सारा समीकरण पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र रावत को राष्ट्रीय स्तर पर अहम दायित्व मिलने पर निर्भर करता है | अगर ऐसा हुआ तो डोईवाला से लेकर टिहरी तक की सभी सीटों के भाजपा उम्मीदवार पारस्परिक सहमति के तौर पर आपस में सीट बलते नज़र आएंगें |
राजनीति संभावनाओं का खेल है, यही वजह है कि इन दिनों भाजपा में पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत को केंद्रीय टीम में अहम ज़िम्मेदारी मिलने की चर्चा अभी भी गरम है | शायद बहुत से पार्टी दिग्गज पूर्व सीएम की तरक्की में अपनी बेहतरी तलाश रहे हैं | चलिये हम खोलते हैं यह राज, दरअसल त्रिवेन्द्र के राष्ट्रीय टीम में जाने पर डोईवाला सीट खाली हो जाएगी | पार्टी संघटन की भी अघोषित योजना हो सकती है कि ऐसी स्थिति में डोईवाला से विधानसभा अध्यक्ष और ऋषिकेश विधायक प्रेम चंद अग्रवाल को मैदान में उतारा जाये जो उनकी पहले से ड्रीम सीट रही है | अब खाली हुई ऋषिकेश विधानसभा से कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल को लड़ाया जाये और उनकी सीट नरेंद्र नगर से ओम गोपाल रावत को | इसी तरह टिहरी सीट पर कॉंग्रेस से आने वाले दिग्गजों को लेकर तस्वीर साफ होने के बाद ही विचार किया जाएगा |
राजनैतिक विशेषज्ञों के अनुशार 2022 चुनावों के बाद सत्ता वापिसी की स्थिति में वर्तमान सीएम धामी, अनिल बलूनी समेत कई पार्टी दिग्गजों में मुख्यमंत्री पद को लेकर करीबी मुक़ाबला होना तय है | ऐसे में सीएम नहीं बनने की स्थिति में वरिष्ठता को देखते हुए त्रिवेन्द्र का मात्र विधायक की भूमिका में रहना पार्टी के लिए भी असहज रहने वाला है | लिहाजा विधायकों में पारस्परिक सहमति वाली सीट परिवर्तन की इस रणनीति पर गंभीरतापूर्वक सर्वसम्मत राय बनाने की कोशिश जारी हैं |