देहरादून । भाजपा प्रदेश प्रभारी एवं राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत गौतम ने केदारनाथ उपचुनाव में रिकॉर्ड मतों से जीतने का दावा किया है। जनता वहां चहुमुखी विकास के पक्ष और तुष्टिकरण नीति के विरोध में जनादेश देगी। वहीं यूसीसी नियमावली ड्राफ्ट सौंपने पर खुशी जताई कि धामी सरकार जनता से किया अपना वादा पूरा करने जा रही है।
मीडिया से विभिन्न माध्यमों पर हुई बातचीत में उन्होंने स्पष्ट किया कि ये चुनाव विकास एवं विरासत की नीति को समर्थन देने का है। प्रदेश की तरह क्षेत्र की जनता भी गवाह है, पीएम मोदी और मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में वहां हुए अभूतपूर्व विकास कार्यों की। हमारी डबल इंजन की सरकार ने चार धाम ऑल वेदर रोड के निर्माण से स्थानीय लोगों एवं श्रद्धालुओं के सफर को आसान बनाया है, सुव्यवस्थित एवं सुरक्षित यात्रा से रिकॉर्ड तीर्थ यात्री पहुंचे और स्थानीय व्यवसायियों की आर्थिकी में वृद्धि हुई है, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं शिक्षा की योजनाओं से आम लोगों की जिंदगी में सुधार हुआ है । इसी तरह चारों धामों और विशेषकर केदार धाम को भव्य एवं दिव्य स्वरूप देने के लिए किया जा रहे पुनर्निर्माण कार्य पूर्ण होने जा रहे है, जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के भरपूर अवसरों का उपलब्ध होना तय है।
वहीं उन्होंने चुनाव को धार्मिक रंग देने के कांग्रेसी आरोपों पर पलटवार किया, हमारी सरकार द्वारा केदार घाटी में इंफ्रास्ट्रक्चर पर शानदार काम हुआ उसका उपयोग सभी धर्म के लोग करते हैं, संचार, स्वास्थ्य, शिक्षा हर घर जल से नल, किसान निधि, मातृ शक्ति को आरक्षण आदि तमाम योजनाओं का लाभ भी समाज के सभी लोग कर रहे हैं। सरकार के इन तमाम विकास कार्यों का लाभ जब सभी समुदाय के लोग ले रहे हैं तो ऐसे में विपक्ष के धार्मिक राजनीति के आरोप पूरी तरह भी बुनियाद हो जाते हैं। दरअसल हरियाणा एवं जम्मू कश्मीर के नतीजों से विपक्ष के हौसले पूरी तरह पस्त हो गए हैं । यही वजह है कि उन्होंने अभी से हार के बहाने तलाशने शुरू कर दिए हैं । और यदि उन्हें केदार भूमि की जनता से इतना ही डर लगता है तो उनकी पार्टी को अपने सनातन विरोधी पापों के लिए माफी मांगनी चाहिए।
वहीं उन्होंने यूसीसी को लेकर उम्मीद जताई है कि नियमावली ड्राफ्ट तैयार होने के बाद उत्तराखंड इसे लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा। भारतीय जनता पार्टी के प्रत्येक कार्यकर्ता को बेहद खुशी एवं संतोष है कि धामी सरकार समान नागरिक कानून के अपने वादे को पूरा करने जा रही है। यह कानून मातृ शक्ति के सशक्तिकरण को सुरक्षा मुहैया करायेगा।