
देहरादून। भाजपा ने वित्त आयोग के समक्ष ग्रीन बोनस, आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास, कृषि उद्यान, उद्योग आदि विषयों पर प्रयाप्त सहयोग की पुरजोर पैरवी की है। पार्टी प्रतिनिधिमंडल ने पर्यावरण में योगदान को देखते हुए राज्य को नदियों पर रॉयल्टी, फॉरेस्ट वारियर जैसे नए उपायों के साथ कार्बन डेटिंग अंशदान, कनेक्टिविटी में सुधार, कच्चे माल आधारित उद्योग और वन्यजीव से सुरक्षा के लिए सोलर फेंसिंग आदि को लेकर केंद्रीय मदद की बात कही है।
पार्टी की तरफ से बैठक में 20 सूत्रीय क्रियान्वयन समिति के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ नेता ज्योति प्रसाद गैरोला, वरिष्ठ विधायक विनोद चमोली और निवर्तमान राज्य सहकारी बैंक अध्यक्ष दान सिंह रावत शामिल हुए। 16 वित्त आयोग के समक्ष पार्टी की तरफ से दिए सुझाव में कहा गया कि विगत 25 वर्षों में राज्य ने विकास के तमाम आयाम छुए हैं। सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में हम प्रथम स्थान पर रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड विकास की इस रफ्तार को अधिक तेज करते हुए, विकसित भारत निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहता है। इसके अनुरूप ही पार्टी की तरफ से शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार, सड़क पानी, पलायन रोकने के उपाय समेत ग्रीन बोनस, कार्बन डेटिंग अंशदान, शहरी विकास, ऊर्जा, आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास, कृषि एवं उद्यान, उद्योग, खेल आदि तमाम मुद्दों पर महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए।
पार्टी की तरफ से ग्रीन बोनस कार्बन डेटिंग अंशदान को लेकर स्पष्ट किया गया की हमारे हिमालय क्षेत्र की जीवनदायनी नदियां और देश की कुल वन संपदा का हमारा 16 वां हिस्सा, देश के पर्यावरण और समृद्धता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है इसलिए उत्तराखंड को कार्बन डेटिंग अंशदान में समुचित अधिकार के साथ साथ नदियों पर रॉयल्टी एवं जल प्राधिकार शुल्क दिया जाना चाहिए। वहीं रिवर्स प्लान की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए तमाम उपायों के साथ घोस्ट विलेज को सड़कों से जोड़ने पर भी जोर दिया।
शहरी विकास एवं वित्त आयोग से संबंधित विषय पर दिए सुझाव में पार्टी की तरफ से कहा गया कि उत्तराखंड में शहरी आबादी, देश के औसत 27 से 30 प्रतिशत के मुकाबले 40 फीसदी है। इसके अतिरिक्त पर्यटन, फिल्म निर्माण तीर्थाटन आदि अनेकों विषयों को ध्यान में रखते हुए शहरी अवस्थापना सुविधाओं में सुधार के लिए बड़ी मदद की आवश्यकता है। वहीं इसके साथ ऊर्जा खपत को देखते हुए हाइड्रो प्रोजेक्ट के विस्तार एवं सॉलिड वेस्ट टू एनर्जी आधारित प्रोजेक्ट को शहरी क्षेत्र में स्थापित करने के लिए केंद्र के सहयोग को जरूरी बताया।
वहीं आपदा प्रभावित संवेदनशील क्षेत्र होने के चलते, प्रदेश में स्थाई आपदा प्रबंधन एवं न्यूनीकरण की व्यवस्था निर्माण में सहयोग की बात कही गई। जिसमें विगत वर्षों में वनाग्नि से हो रही जान माल की भारी हानि एवं दुर्घटनाओं की संभावनाओं की तरफ उन्होंने आयोग का ध्यान आकृष्ट कराया। इस संबंध में दिए सुझाव में उन्होंने कहा कि तमाम संभावित उपायों के साथ ग्राम पंचायत में स्थानीय युवकों को प्राथमिकता देते हुए फॉरेस्ट वारियर की नियुक्ति बेहद अहम है, जिसके लिए केंद्र द्वारा हरसंभव मदद दी जाए।
प्रतिनिधिमंडल ने कृषि एवं उद्यान को लेकर प्रदेश की चिंता प्रकट करते हुए, वन्यजीवों और फसलों से कृषि पैदावार को हो रहे नुकसान का मुद्दा उठाया। जिसके लिए प्रमुख उपाय के रूप में सोलर फेंसिंग को जरूरी बताया। वही औद्योगिक विकास के लिए पर्वतीय एवं मैदानी क्षेत्रों में उपलब्ध कच्चे माल आधारित उद्योगों के निर्धारण का सुझाव दिया। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन को देखते हुए प्रदेश में खेल अवस्थनाओं के विकास के लिए भी सहयोग की आवश्यकता बताई। प्रदेश में तीर्थाटन, पर्यटन, साहसिक पर्यटन की असीम संभावनाओं को देखते हुए राज्य में संचार सुविधाओं के नेटवर्क, रेल कनेक्टिविटी एवं हेली सेवाओं के विस्तार और मेट्रो सेवा की संभावनाओं पर विचार करने का आग्रह भी किया गया। वहीं जल जीवन मिशन के दीर्घकालीन परिणाम लाने के लिए प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण एवं पुनर्जीवित करने हेतु ठोस कदम उठाने पर जोर दिया। इसी क्रम में नदियों के संरक्षण एवं पुनर्जीवन में राज्य सरकार के प्रयासों में भी भारत सरकार के सहयोग की आवश्यकता जताई।
पार्टी ने विश्वास जताया कि ये सभी जन सुझाव, राज्य के विकास की गति को तेज करते हुए, विकसित भारत के संकल्प में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने में सहभागी होंगे।