देहरादून । भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि संसद मे घुसपैठ की जांच से पहले ही इसे राजनैतिक मुद्दा बनाना विपक्ष की मंशा को संदेहजनक बनाता है । साथ ही याद दिलाया कि यही लोग संसद हमले के आरोपी अफजल को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट मे खड़े रहते थे और आज भी संसद को आतंकित करने की इस कोशिश को सही ठहरा रहे हैं।
उन्होंने शिक्षा के भगवाकरण के आरोपों पर पलटवार किया कि गुलामी की मानसिकता में जीने वाले कांग्रेसियों को शिक्षा में शामिल देश की शौर्यगाथा का भगवाकरण लगना तय है । उन्होंने राहुल गांधी और पूर्व सीएम हरीश रावत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिस तरह भगत सिंह फैंस नाम रखने से कोई भी भगत सिंह नही बन सकता, ठीक उसी तरह देशद्रोही कोशिशों को युवाओं के आक्रोश से जोड़ने वाले भी शहीदे आजम की विचारधारा के समर्थक नहीं हो सकते हैं । अफसोस है कि राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा से जुड़े इस प्रकरण में भी कांग्रेसी नेता अपनी सुविधा अनुसार परस्पर विरोधाभासी बयान दे रहे हैं । दिल्ली में बैठे उनके नेता हमले के आरोपियों को भटके हुए आक्रोशित युवा बताते हुए सरकार पर हमले कर रहे हैं । राहुल ने संसद को आतंकित करने की इस घटना को मंहगाई और बेरोजगारी से जोड़ कर मोदी विरोध में देश विरोध की सभी सीमाएं लांघ दी हैं । वहीं उनके उत्तराखंड ने बैठे नेता दबी जुबान में इस घटना की आलोचना करते हैं और चीख चीख कर सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों से इस कृत्य का विरोध दर्ज कराने वालों को दोषी ठहरा रहे हैं । हैरानी है कि हरीश रावत जैसे कांग्रेस नेताओं को देशद्रोही गतिविधियों से शहीद भगत सिंह के नाम का अपमान करने वालों से कोई तकलीफ नहीं है । लेकिन ऐसे राष्ट्रविरोधी लोगों की आलोचना करने वालों से हैं । कन्फ्यूजड कांग्रेस स्पष्ट करें कि वो आरोपियों को भटके हुए युवा मानते हैं या भगत सिंह फैंस के नाम पर देशद्रोही कृत्य करने वाले।
उन्होंने कहा, लोकसभा अध्यक्ष और सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि घटना की उच्च स्तरीय जांच की जा रही है लिहाजा निष्कर्ष आने तक सभी को किसी भी तरह की बयानबाजियों से बचना चाहिए । अब चूंकि यह संसद की सुरक्षा और राष्ट्रीय छवि से जुड़ा मसला है, इसलिए सभी पहलुओं पर जांच हो रही है और इस षड्यंत्र के असली सूत्रधार शीघ्र सबके सामने होंगे । जिस तरह टीएमसी और इंडी गठबंधन के नेताओं से आरोपियों के संबंध मीडिया के माध्यम से सामने आए है, उससे राजनैतिक एंगल की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है । इसी तरह विपक्षी नेताओं का जांच से पहले ही पकड़े गए लोगों को बेगुनाह बताना और सरकार की नीतियों को ही हमले का जिमेदार ठहराने को किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता है । जहां तक सवाल है विजिटर पास जारी करने वाले सांसद का तो उससे भी पूछताछ होना तय है ।
भट्ट ने आरोप लगाया कि संसद की सुरक्षा को नजरंदाज करते हुए इसे पूरी तरह राजनैतिक मुद्दा बनाना विपक्ष की मंशा को संदेहजनक बनाता है । देश देख रहा है ये वही हैं जो 2001 संसद हमलों के आरोपी अफजल की फांसी रोकने के लिए रात रात भर सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे खटखटाते थे और आज भी संसद को आतंकित करने की कोशिश को राजनैतिक विरोध बता रहे हैं ।
उन्होंने शिक्षा के भगवाकरण को लेकर माहरा के आरोपों पर पलटवार कर कहा, किताबों में मुगल और अंग्रेज हमलावरों के गुणगान पढ़वाने वालों को भारत की शौर्य और संस्कृति गाथा भगवाकरण ही लगेगी ।