देहरादून । भाजपा ने पूर्व कॉंग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गणेश गोदियाल द्धारा प्रदेश सरकार पर लगाए आरोपों को बेबुनियाद और लगातार दो चुनावों में मिली हार की खीज उतारने वाला बताया है । पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने बताया कि गोदियाल पर बतौर मंदिर समिति अध्यक्ष किए घोटालों की जांच की मांग स्वयं समिति के सदय ने की है न कि भाजपा सरकार के किसी मंत्री ने । उन्होने कॉंग्रेस भवन में हुई सर्वदलीय बैठक पर चुटकी लेते हुए इसे जनता से नकारे गए दलों की सांत्वना बैठक बताया ।
चौहान ने तंज़ कसते हुए कहा कि गणेश गोदियाल चुनाव मे मिली हार से व्यथित हैं और उन्हें प्रदेशाध्यक्ष का पद भी गंवाना पड़ा, इसलिए वह अपनी नाकामी और दुख की खीज प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री डा. धन सिंह रावत पर उतार रहे हैं । उन्होने कहा कि आईने की तरह साफ है कि उन पर अपने कार्यकाल के दौरान बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता के आरोप श्री बद्री केदार मंदिर समिति के सदस्य ने लगाए हैं और जिस पर कार्यवाही करने के लिए विभागीय मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है । लिहाजा इस सारे प्रकरण को लेकर कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत पर पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर आरोप सरासर झूठा एवं द्धेषपूर्ण है |
चौहान ने कहा कि सहकारिकता विभाग में घोटाला खोलने का दावा करने वाले गोदियाल और जनता सभी को भली भांति ज्ञात है कि इस समूचे प्रकरण का स्वत: संज्ञान लेकर उच्च स्तरीय जांच करवाने वाले स्वयं डा. धन सिंह रावत ही हैं । उन्होने आरोप लगाया कि गणेश गोदियाल की यह सारी कयावद, करोड़ों भक्तों की आस्थाओं के प्रतीक बद्री केदार धाम में अध्यक्ष रहते हुई अनियमिताओं से लोगों का ध्यान भटकाने की है जिसमें वह सफल नहीं होने वाले । उन्होने कहा कि खुद पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप से भागने के बजाय उन्हे जांच में सहयोग करना चाहिए।
मनवीर चौहान ने कॉंग्रेस कार्यालय में हुई सर्वदलीय बैठक पर व्यंग कसते हुए कहा, यह सर्वदलीय बैठक नहीं सांत्वना बैठक थी जिसमें प्रदेश राजनीति में हाशिये पर आयी कॉंग्रेस का देश की राजनीति से सालों पहले हाशिये पर चली गयी पार्टियों के नेता हौसला बढ़ाते नज़र आए । देश के अन्य राज्यों की तरह राज्य में भी विपक्षी पार्टियों की स्थिति बाढ़ में जान बचाने की कोशिश में एक ही नाव में सवार दो दुश्मनों जैसी हो गयी है और अब तो देश व प्रदेश में बाढ़ नहीं विकास की सुनामी चल रही है। उन्होने कहा कि बैठक बैठक खेलने की बजाय कॉंग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियों को भाजपा की तरह जनता के बीच जाकर विकास कार्यों में सकारात्मक सहयोग करना चाहिए ।