देहरादून। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विकास के प्रति कुशल और स्पष्ट सोच तथा पारदर्शी नीतियों का ही नतीजा है कि कांग्रेस के आडंबर युक्त उतराखंडियत के कथित झंडाबरदार अब शब्दों मे ही नजर आते हैं और वह नेपथ्य मे प्रतीत हो रहे हैं।
पार्टी कार्यालय मे पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए चौहान ने कहा कि कांग्रेस ने अगर, छद्म उतराखंडियत को जमीन पर भी उकेरा होता तो आज उसकी यह स्थिति नही होती। कांग्रेस के इस कथन को जनता सिर आँखो पर लेती, लेकिन घोषणाएं जमीन पर नही उतरी और जागरूक जनता ने उसे जमीन दिखा दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को उतराखंडियत की बात करने वाले तथाकथित नेताओं की भी सुध लेनी चाहिए कि वह अब कहाँ पर हैं और किस हालत मे हैं। उन्होंने कहा कि सत्ता मे रहते एक ओर तत्कालीन मुखिया उतराखंडियत की बात कर रहे थे और दूसरी ओर राज्य के संसाधनों को बेचने की बात भी पूरे देश ने सुनी। लेकिन कांग्रेसी उसे उचित बताने की अब तक कोशिश और भाजपा पर दोष मढ़ते रही। जब मौका था तो वह उतराखंडियत के बहाने लूट रहे थे।
उन्होंने कहा कि मातृ शक्ति को शसक्त करने के लिए क्षैतिज आरक्षण, राज्य को भू माफियाओं के चुंगल से बचाने को लैंड जिहाद पर कानून, युवाओं के भविष्य को देखते हुए नकल विरोधी कानून तथा धर्मांतरण और आंदोलन कारियों को आरक्षण सहित कई निर्णय उतराखंडियत के भाव का ही प्रतिनिधित्व करते हैं।
चौहान ने कहा कि सरकार राज्य में रोजगार को लेकर सजग रही है। राज्य मे रोजगार उत्पन्न करने और राज्य मे निवेश को लेकर सरकार ने कई अहम कदम उठाये। उन्होंने कहा कि सीएम रोजगार योजना के तहत पर्वतीय क्षेत्रों मे लोगों को रोजगार से जोड़ने की कई योजनाएं चल रही है। राज्य मे इंवेस्टर समिट मे देश विदेश से ढाई लाख करोड़ से अधिक के निवेश पर सहमति बनी और उसमे 40 प्रतिशत पर कार्य पूरा या चल रहा है। समिट को लेकर कांग्रेस पहले से ही विरोध करती रही और उसका विकास विरोधी चेहरा भी सामने आया।
उन्होंने कहा कि आज सीएम से लेकर एक छोटे अधिकारी कर्मचारी तक किसी भी मामले मे जवाबदेही से कार्य कर रहा है। पुलिस प्रशासन और हर क्षेत्र मे अधिकारियों को जवाबदेह बनाया गया है। पहले थाना चौकियों मे रिपोर्ट तक दर्ज नही होती थी, लेकिन अब सभी मामलों मे संज्ञान, जांच और कार्यवाही होती है। कांग्रेस काल मे यह अपवाद ही था। उन्होंने सीएम के 3 साल के कार्यकाल पर सवाल उठाने वालों को कांग्रेस कार्यकाल का अवलोकन करने और आत्म मंथन की नसीहत दी। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क सहित हर क्षेत्र मे जो ढांचा स्थापित हुआ यह कांग्रेस कार्यकाल की सोच मे भी दूर की कौड़ी थी। भाजपा एक अनुशासित पार्टी है और यहां पर कांग्रेस की भांति किसी को अनुशासन सिखाने की कोशिश नही की जाती। कांग्रेस मे सत्ता मे रहते भी गुटीय संघर्ष था और वह विपक्ष मे भी गुटबाजी से बाज नही आ रही है। कांग्रेस को सकरात्मक सोच के साथ रचनातमक विपक्ष के धर्म का पालन करने की जरूरत है।