ये हो क्या रहा है भारत में कभी विज्ञापन, कभी फिल्म, कभी राजनेता, कभी……..न जाने क्यूँ सभी जाने या अंजाने हिन्दू संस्कृति, रीतिरिवाजों और परम्पराओं को निशाना बनाकर या स्वयं को बेहतर दिखाते हुए अपमानित करने की कोशिश हो रही है | अबकी बार बारी है BCCI की, जो भारत और न्यूजीलैंड टेस्ट मैच से पहले ही टीम इंडिया के डाइट चार्ट में हलाल मीट की डिमांड कर विवादों में आई हुई है | हाल में ही T-20 में करारी हार के बाद से नाराज प्रशंसकों के निशाने पर आई टीम इंडिया के लिए ट्विटर पर BCCI प्रमोट्स हलाल #BCCI Promotes Halal के नाम से ट्रेंड हो रहे इस विवाद ने हँगामा मचाया हुआ है | आइए समझते हैं क्या है यह पूरा विवाद ?
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड, भारत न्यूजीलैंड के बीच खेले जाने वाले पहले टेस्ट मैच से पूर्व ही एक बार फिर T-20 की हार से नाराज फैंस के निशाने पर आ गया है। और कारण है मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उसके द्धारा जारी टीम इंडिया के खिलाड़ियों का डाइट चार्ट । BCCI की और से टीम इंडिया के खिलाड़ियों के लिए जो खाने का मेन्यू जारी किया गया है, उसमें शामिल है मिनी ब्रेकफास्ट, लंच, टी टाइम स्नैक और रात में डिनर शामिल है। इस मेन्यू में विवाद का कारण बना है मांसाहारी व्यंजन में हलाल मीट को शामिल किया जाना ।
जैसे जैसे लोगों को जानकारी मिल रही है मेन्यू में हलाल मीट को शामिल करने को लेकर सोशल मीडिया पर हंगामा मचा हुआ है । अब तक ट्विटर पर हजारों लोग BCCI के हलाल मीट सर्व करने के फैसले पर सवाल उठा चुके हैं। हालांकि अमूमन हिंदू धर्म के लोग झटके से काटने वाले जानवरों को खाते हैं, जबकि मुस्लिम समुदाय आज भी अधिकांश हलाल मीट ही खाना पसंद करता है | कुछ फैंस ने सवाल उठाते हुए कहा कि जब भारतीय टीम के अधिकांश खिलाड़ी हिंदू हैं और उनके धर्म के अनुसार ‘हलाल’ मांस खाना सख्त मना है | अब ऐसे में क्रिकेट बोर्ड या टीम प्रबंधन उन्हें मजबूर कैसे कर सकता है।
हालांकि इस पूरे विवाद को लेकर UPCA के एपेक्स कमेटी ऑफिशियल अहमद अली खान का एक बयान सामने आया है जिसमें उन्होने कहा कि कुछ लोग फालतू का ट्रैंड चलाकर BCCI को बदनाम करना चाहते है | बीसीसीआई और यूपीसीए ऐसे संस्थान हैं जो किसी के प्रति भेदभाव नहीं रखते हैं | वहीं इस सारे विवाद की छाया में टेस्ट के लिए दोनों टीमें कानपुर के होटल लैंडमार्क टावर में ठहरी हैं ।