देहरादून । बांग्लादेश में तख्तापलट के पीछे पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई के हाथ होना फिर साबित हुआ है वहां 1971 की जंग में जीत के प्रतीक स्मारक को तोड़ने की घटना से। बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अराजक प्रदर्शनकारियों ने 1971 की जंग से जुड़े उस राष्ट्रीय स्मारक को तोड़ दिया जो मुजीबनगर में भारत और मुक्तिवाहिनी सेना की जीत और पाकिस्तानी सेना की हार का प्रतीक था। 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान के लेफ्टिनेंट जनरल नियाजी ने 93 हजार सैनिकों के साथ भारतीय सेना के सामने सरेंडर किया था। इसी दिन की याद में यह स्मारक बना था। राजनैतिक आंदोलन की आड़ में भारत से जुड़ी पहचान और हिंदुओं पर हमले बताते हैं कि वहां आंदोलनकारी भारत विरोधी ताकतों के हाथ में खेल रहे हैं ।