दो दिन की भारी बरसात से आई कुदरती आपदा से उत्तराखंड में लगभग 4 दर्जन लोगों को अपनी जान गंवामी पड़ी | इनमें अधिकांश मौतें बादल फटने और लैंडस्लाइड की वजह से हुई हैं। वहीं अभी कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही हैं। दो दिन की लगातार बारिश को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रियों से जहां हैं वहीं रहने की अपील भी की है लेकिन इससे पहले ही प्रकृति का कहर भवनों के मलबे में तब्दील होने, सड़कों के ब्लॉक होने जिला मुख्यालयों तक का संपर्क टूटने, नदियों समेत नैनीताल झील तक के पानी से बाढ़ आने से लेकर रेल लाइन तक बह जाने के रूप में सामने आ गया था |
प्रशासन की और से बताया गया है कि अकेले कुमाऊं क्षेत्र में मरने वालों की संख्या 40 के पार हो गई है। इस पहले राज्य में सोमवार को हुई 5 मौतों के बाद मंगलवार को 42 मौतों की सूचना में नैनीताल जिले में 28, अल्मोड़ा और चंपावत में 6-6 और पिथौरागढ़ और उधम सिंह नगर जिलों में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। कुमायूं में हालत इतने खराब हुए कि नैनीताल का संपर्क राज्य के बाकी हिस्सों से कट गया है। यहां तक आने वाली तीनों सड़कें भूस्खलन के चलते ब्लॉक हो गई हैं। और तो और नैनीताल जिले में काठगोदाम रेलवे स्टेशन को जोड़ने वाली रेलवे लाइन भी बह गई है। झील का पानी दशकों बाद ओवर फलो होकर रिहायशी इलाकों में नदी की तरह बहता रहा | बहाव इतना तेज था कि सेना के जवानों को मानव श्रंखला बनाकर लोगों की जान बचानी पड़ी | गोला नदी अपने रोद्र रूप में थी, उस पर बना पल बह गया व हल्द्वानी में हाथी को भी रेसक्यू कर नदी के बीच से बचाना पड़ा |
राहत कार्य व सरकारी मदद की घोषणा
सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बाढ़ से मौत होने पर परिवार को 4 लाख रु. और जिनका घर तबाह हो गया है, उन्हें 1.9 लाख रुपए देने की घोषणा की है। मंगलवार दोपहर मुख्यमंत्री ने भारी बारिश से प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। बाद में उन्होंने रुद्रप्रयाग पहुंचकर नुकसान के आकलन की समीक्षा भी की। एयरफोर्स के तीन हेलीकॉप्टर राज्य में लोगों को बचाने के काम में मदद कर रहे हैं। इनमें से दो को नैनीताल जिले में तैनात किया गया है। यहां बादल फटने और लैंडस्लाइड के कारण काफी नुकसान हुआ है। NDRF ने उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित इलाकों से 300 से ज्यादा लोगों को बचाया है। राज्य में उसकी 15 टीमें तैनात की गई हैं। स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स राज्य में रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दे रही है। टीम ने सोमवार रात राज्य में अलग-अलग जगहों पर ऑपरेशन करके 50 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया। इनमें केदारनाथ मंदिर से लौट रहे श्रद्धालु भी शामिल हैं जो रास्ते में फंस गए थे। उत्तराखंड पुलिस के साथ मिलकर SDRF ने सोमवार को केदारनाथ से लौट रहे 22 श्रद्धालुओं को बचाया, जो जंगल में फंसे हुए थे। टीम ने चार मजदूरों को भी बचाया, जो मलबे में दबे थे।स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट के अनुशार कि पिछले 24 घंटे में राज्य में 200 मिमी से ज्यादा बारिश हुई है और राज्य में मरने वालों का आंकड़ा 47 हो गया है । इससे पहले सोमवार को बारिश के चलते पौड़ी और चंपावत में 3 नेपाली मजदूर समेत 5 मौतें हुई थीं।