इन दिनों भाजपा शासित राज्य के किसी भी मुख्यमंत्री का दिल्ली जाना राजनैतिक माहौल में भूचाल ला देता है | अब चूंकि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को हाईकमान ने दिल्ली बुलाया है, लिहाजा कर्नाटक, उत्तराखंड और गुजरात के बाद यहाँ भी सीएम बदलने की अटकलें तेज हो गयी हैं । गौरतलब है कि चन्द दिनों पहले ही जयराम ठाकुर को दिल्ली बुलाया गया था और अब उनके साथ भाजपा के प्रदेश पदाधिकारियों को भी बुलाया है । लिहाजा हिमाचल के राजनीतिक गलियारों में उनके इस्तीफे की चर्चाओं का बाजार गर्म होना तो तय है।
हिमाचल सरकार और सत्ताधारी पार्टी का आज दिल्ली में जमावड़ा लगा हुआ है, मसला है भाजपा हाईकमान के साथ मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और भाजपा पदाधिकारियों की बैठक । बैठक में प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना, संजय टंडन, संगठन मंत्री पवन राणा और हिमाचल भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप मौजूद रहेंगे।
हालांकि पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के गृह राज्य होने चलते उनकी साख दांव पर है | लिहाजा राज्य में पार्टी की हार और जीत से सीधे तौर पर उनकी प्रतिष्ठा जुड़ी हुई है । फिलहाल 2022 में हिमाचल विधानसभा चुनाव में भाजपा मिशन रिपीट पर अमल करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और संगठन के पदाधिकारियों को दिल्ली बुलाकर फीडबैक लिया जाएगा । हालांकि इससे पहले 8 सितंबर के दिल्ली दौरे पर सीएम ने राष्ट्रपति, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर चुके है । हालांकि एक तबके का कहना है कि हिमाचल में दीवाली के बाद विधानसभा के चार उपचुनाव और मंडी संसदीय सीट चुनाव भी होना है। अगले साल आम चुनावों को देखते हुए पार्टी का उपचुनाव जीतना भी बहुत ही महत्वपूर्ण है।
वहीं दूसरी और इस सारे घटनाक्रम को देखते हुए विपक्षी कांग्रेस को उन्हे घेरने का मौका तो मिल ही गया है । कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य का तो यहाँ तक कहना है कि कर्नाटक, गुजरात, उत्तराखंड, राज्यों की तरह हिमाचल में भी भाजपा रातों-रात सीएम बदल सकती है।