देहरादून । पीएम मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी सौगात लेकर आई है। लंबे समय से ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग को देखते हुए केंद्रीय कैबिनेट में अब केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम को मंजूरी दी है। कैबिनेट मंत्री अश्विनी वैष्णव में जानकारी दी कि यह UPS योजना एक अप्रैल 2025 से लागू होगी, जिससे 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा होगा । यदि UPS या NPS में से कोई भी पेंशन स्कीम चुनने के ऑप्शन को राज्य सरकारों ने भी अपनाया तो लाभान्वित कर्मचारियों को संख्या 90 लाख के पार पहुंच सकती हैं।
UPS कैसे अलग है अब तक लागू पेंशन स्कीम और OPS से ?
दरअसल UPS पूरी तरह कॉन्ट्रिब्यूटरी फंडेड स्कीम है, जिसका मतलब इसमें भी कर्मचारियों को NPS की तरह 10% कॉन्ट्रिब्यूट करना पड़ेगा। जबकि ओल्ड पेंशन स्कीम अनफंडेड कॉन्ट्रिब्यूश्नरी स्कीम थी, इसमें कर्मचारियों को किसी भी तरह का कॉन्ट्रिब्यूशन नहीं करना होता था। जबकि वर्तमान में लागू न्यू पेंशन स्कीम में कर्मचारी को अपनी बेसिक सैलरी का 10% हिस्सा कॉन्ट्रिब्यूट करना होता है और सरकार 14% देती है।
अंतिम सैलरी का 50 फीसदी होगी पेंशन
अब सरकार अपनी तरफ से कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 18.5 % कॉन्ट्रिब्यूट करेगी। कर्मचारी के 10% हिस्से में कोई बदलाव नहीं होगा, लेकिन NPS की तरह इसे बाजार के भरोसे न छोड़कर इसमें फिक्स पेंशन की एश्योरटी दी गई है, जो अंतिम सैलरी के 50 फीसदी होगी। जिसके लिए न्यूनतम 25 वर्ष के सेवा देनी होगी। जिससे हम कह सकते हैं कि UPS में OPS और NPS दोनों के लाभ शामिल हैं।
2004 से रिटायर कर्मियों को भी मिलेगा लाभ
यहां गौरतलब है कि NPS के तहत 2004 से अब तक रिटायर हो चुके और अब से मार्च, 2025 तक रिटायर होने वाले कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिलेगा। जो पैसा उन्हें पहले मिल चुका है या वे फंड से निकाल चुके हैं, उससे एडजस्ट करने के बाद भुगतान किया जाएगा।
सरकार की तरफ से कॉन्ट्रिब्यूशन 14% से 18.5% बढ़ाए जाने पर पहले साल 6250 करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च आएगा, जो साल दर साल बढ़ता रहेगा।