देहरादून। प्रदेश भाजपा ने कहा है कि संतों का सम्मान उनकी पार्टी की रीति- नीति का अभिन्न हिस्सा है और यह सनातन संस्कृति की परंपरा भी है। मगर केदारनाथ मन्दिर में सोना चोरी को लेकर स्वामी अविमुक्तेश्वरा नंद का बयान दुखद और सनातन के अनुयायियों को चोट पहुंचाने वाला है। स्वामी अविमुक्तेश्वरा नंद कांग्रेस के एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं। उनके पास कोई साक्ष्य हैं तो उन्हें सार्वजनिक करने चाहिए। अन्यथा उन्हें और कांग्रेस को बयान वापस लेकर माफी मांगनी चाहिए।
भाजपा के मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चौहान ने कहा कि संत समाज हमेशा से धर्म का ध्वजवाहक रहा है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ को लेकर स्वामी अविमुक्तेश्वरा नंद ने जो बयानबाजी की है उन्हे उसकी प्रमाणिकता को सामने रखना चाहिए। अगर, वह उसकी प्रमाणिकता को साबित नही कर सकते हैं तो उन्हें अपने बयान को वापस लेकर हिंदू सनातनी समुदाय से माफी मांगनी चाहिए।
चौहान ने कहा कि अगर वो अपने को संत के रूप में प्रदर्शित करते हैं तो उन्हें शास्त्र सम्मत तरीके से सनातन धर्म के अनुयायियों का मार्गदर्शन करना चाहिए और सनातन संस्कृति के सरंक्षण के लिए उनसे अपेक्षा भी की जाती है, लेकिन यह दुखद है कि सनातन के मार्गदर्शक एक पार्टी विशेष की भाषा बोल रहे हैं जो कि दुखद है। उन्होंने कहा कि स्वामी अविमुक्तेश्वरा नंद अभी तक अपने कथन को प्रमाणिकता के साथ नही रख पाए और इससे सनातन प्रेमियों की भावनाएं आहत हुई है।
चौहान ने कहा की कांग्रेस पहले से ही इस मुद्दे पर राजनीति कर रही थीं और अब स्वामी अविमुक्तेश्वरा नंद का कंधा इस्तेमाल कर रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस तो हमेशा ही सनातन की विरोधी रही है और सनातन के खिलाफ दुष्प्रचार उसके एजेंडे का हिस्सा रहा है। अब तक जब भी किसी मन्दिर का जिक्र आया तो वह और उसके कथित सेकुलर मित्र तुष्टिकरण की खातिर सनातन पर चोट करने मे आगे रही। यह उसकी पार्टी पॉलिसी भी रही है। इस मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट हो चुकी है, लेकिन कांग्रेस दुष्प्रचार के जरिये लोगों को भड़काने की कोशिश कर रही है और सनातनी इससे अच्छी तरह वाकिफ है। उसे जनता कड़ा सबक सिखायेगी।