देहरादून। सरकार प्रदेश में स्थित पर्यटन और पौराणिक धार्मिक स्थलों को लगातार विकसित करने में लगी है। अनेक धार्मिक सर्किट बनाए गए हैं। चारों धाम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री मैं बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड का गठन किया गया है। देवस्थानम बोर्ड में सभी तीर्थ पुरोहितों के हक हकूक दस्तूर और अधिकार यथावत रखे गए हैं।
उक्त बात प्रदेश के पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने शुक्रवार को शिमला रोड स्थित कड़वा पानी, मानक सिद्ध में पर्यटन विभाग की वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के अंतर्गत निर्मित करवाये गये “एवरग्रीन रेजिडेंसी पर्यटक आवास गृह” के लोकार्पण के अवसर पर कही। इससे पूर्व श्री सतपाल महाराज ने माणक सिद्ध के दर्शन भी किए।
इस अवसर पर आयोजित एक समारोह के दौरान बोलते हुए श्री सतपाल महाराज ने कहा कि स्वामी दत्तात्रेय के 84 सिद्ध शिष्यों में चार सिद्ध माणक सिद्ध, लक्ष्मण सिद्ध, मांणू सिद्ध और कालू सिद्ध दून घाटी में तपस्या करते हुए यही बस गये थे। उनका सौभाग्य है कि उन्हें माणक सिद्ध में आने का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं को इस प्रकार की योजना से लाभ लेना चाहिए और धार्मिक स्थलों पर यात्रियों के लिए इस तरह के पर्यटक आवास गृह बनाने के लिए आगे आना चाहिए।
महाराज ने कहा कि चार धामों में सुविधाओं को विकसित करने के लिए ही सरकार ने चारधाम देवस्थानम बोर्ड का गठन किया है। देवस्थानम बोर्ड के गठन में भी इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है कि वहां स्थिति मंदिरों के पुजारी, रावल, नायक रावल, पंडों के वंशानुगत व परंपरागत अधिकार यथावत रखे जाएं।
इस मौके पर सहसपुर विधायक श्री सहदेव सिंह पुंडीर, मेयर श्री सुनील उनियाल गामा, उर्वी दत्त भट्ट, सौरव सेमवाल, चंद्रशेखर जोशी, श्रीमती माला गुरुंग एवं भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता श्री नवीन ठाकुर आदि उपस्थित थे।