डोईवाला। कथा मर्मज्ञ व्यास पीठ पर विराजमान आचार्य श्री नत्थी प्रसाद उनियाल ने कहा कि मनुष्य को हमेशा सत मार्ग पर चलना चाहिए। तभी मनुष्य का कल्याण है। भगवान भाव के भूखे होते हैं। इसलिए हमेशा भगवान को याद करते रहना चाहिए।
मिस्सरवाला कोठारी कॉलोनी में श्रीमद् भागवत कथा का रसपान कराते हुए आचार्य नत्थी लाल उनियाल ने कहा कि सत्य का अर्थ होता है, अनंत। सत्य की खोज का कोई अंत नहीं होता है। उसी प्रकार भगवान की भक्ति का भी कोई अंत नहीं है। हमें भगवान को सदैव याद करना चाहिए। सुख दुख जीवन के अंग हैं। विपरीत परिस्थितियों में भी हमें धर्म व भगवान का साथ नहीं छोड़ना चाहिए। हमेशा दीन दुखियों की सेवा करनी चाहिए। उन्होंने कहा की भक्ति भाव से श्रीमद् भागवत कथा का रसपान करने से मनुष्य को कई पाप कर्मों से मुक्ति भी मिलती है। श्रीमद् भागवत कथा में आचार्य दिलमणि पैन्यूली, आचार्य अनिल बहुगुणा, आचार्य योगेश उनियाल, आचार्य रविंद्र बिजलवाण, आचार्य बिजेंद्र चमोली, आचार्य सुभाष नौटियाल, आचार्य विश्वेश्वर नौटियाल ने भजन कीर्तन के माध्यम से भगवान की लीलाओं का वर्णन भी किया। इस मौके पर राजेश कोठारी, आयुष्मान कोठारी, गिरीश भट्ट आदि सैकड़ों श्रद्धालुओं ने श्रीमद् भागवत कथा का रसपान किया।