देहरादून: विधानसभा बजट सत्र के चौथे दिन विपक्ष ने आंगनबाड़ी कर्यक्रतियो से सम्बंधित विषय पर चर्चा की । विपक्षी विधायकगणों ने प्रदेश में आंगनबाड़ी कर्यक्रतियो की मानदेय,अवकाश,पोषाहार जैसे मुद्दों को उठाया । सदन में उठाये गए विधायकों के प्रश्नों का उत्तर माननीया मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने बड़ी शालीनता के साथ दिए। माननीया मंत्री श्रीमती रेखा आर्या जी ने सदन को अवगत कराते हुए कहा कि बर्तमान में प्रदेश में 20 हजार से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं जिनका की संचालन सुचारू रूप से किया जा रहा है साथ ही उनके पोषाहार का वितरण भी नियमित रुप से किया जा रहा है ।
मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने मानदेय के मुद्दे पर जमकर घेरा विपक्ष को सदन में उठे आंगनबाड़ी कार्यकर्तीयो के मानदेय के विषय पर मंत्री रेखा आर्या ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला । माननीया मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने कहा कि 2012 से 2017 तक राज्य में कांग्रेस पार्टी की सरकार रही जिसमे इस दौरान केंद्र की और से आंगनबाड़ी कार्यकर्ती को 4 हजार 500,आंगनबाड़ी सहायिका को 2 हजार 250 तो मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ती को 3 हजार 500 दिया जाता था ।
वही इस दौरान राज्य में रही कांग्रेस सरकार की बात करे तो आंगनबाड़ी कार्यकर्ती को 3 हजार , सहायिका को 1500 और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ती को 1250 मानदेय मिलता था ।
मंत्री ने साल 2012 से 2017 के बीच आंगनबाड़ी कार्यकर्तीयो के मानदेय बढ़ने के मामले पर जवाब देते हुए कहा कि इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ती का मानदेय 1500 ,सहायिका का 750 और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ती का 1250 बढ़ाने का काम किया ,इसके बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्तीयो के मानदेय में किसी भी प्रकार की बढ़ोतरी नही हुई।
मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने आंगनबाड़ी केंद्रों में काम कर रही बहनों के मानदेय के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी का योगदान सदैव राज्य की कल्याणकारी योजनाओं में रहता है जिसके लिए मैं उनका धन्यवाद वक्त करती हूँ। माननीया मंत्री जी ने जानकारी देते हुए कहा कि राज्य में जबसे भाजपा की सरकार आयी तब से लगातार अभूतपूर्व कार्य किए जा रहे हैं। मंत्री महोदया ने कहा कि 2 नवम्बर 2021 को भाजपा सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों में काम कर रही बहनों के बारे में सोचा और उनके मानदेय में वृद्धि की । जिसके तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ती को 1800, सहायिका को 1500 और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ती को 1500 रुपये की मानदेय दिया जाता है। मंत्री श्रीमती रेखा आर्या जी ने मानदेय व्रद्धि के ऊपर जानकारी देते हुए कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ती के मानदेय में 9 हजार 300 , सहायिका के मानदेय में 5 हजार 250 और मिनी आंगनबाड़ी
कार्यकर्ती के मानदेय में 6 हजार 250 की व्रद्धि की गई जो कि ऐतिहासिक है ।मंत्री श्रीमती रेखा आर्यों ने विपक्ष पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि पंजाब जहां आंगनबाड़ी कार्यकर्तीयो का मानदेय 7500 ,छत्तीसगढ़ जहां 6500 है तो वहीं उत्तराखंड में आंगनबाड़ी बहनों का मानदेय 9300 है जो कि सबसे ज्यादा और ऐतिहासिक है ।
श्रीमती रेखा आर्या ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस आंगनबाड़ी कार्यकर्तीयों के साथ ठग की राजनीति करना बंद करे। उन्होंने कहा कि काँग्रेस ये बताए कि जहां जहां उनकी सरकार रही वहां आंगनबाड़ी कार्यकर्तीयो के मानदेय में कितना इजाफा हुआ । उन्होंने आंगनबाड़ी बहनों के लिए क्या कुछ किया। मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है जहां आंगनबाड़ी कार्यकर्तीयो को सबसे ज्यादा मानदेय दिया जा रहा है ।हमारी सरकार सदैव आंगनबाडी कार्यकर्तीयो के हितों को लेकर लगातार कार्य कर रही है ।
रेखा आर्या ने आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन को लेकर कहा कि राज्य में शुरवाती दौर में जब कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ा तो उसे देखते हुए प्रदेश के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद कर दिया गया था ताकि कोई भी महिला संक्रमित ना हो लेकिन जब लोग वेक्सीनेटेड हो गए तो सरकार के निर्देशों के अनुसार 1 मार्च 2022 से सभी आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन शुरू कर दिया गया जो कि निर्वार्द्ध रूप से चल रहे हैं। मंत्री ने टेक होम राशन के वितरण ना हो पाने के विषय पर जानकारी देते हुए कहा कि टेक होम राशन प्रदेश के सभी जनपदों में दिया जा रहा है ,अगर किसी जिले में यह राशन का वितरण नही हो पा रहा है तो ऐसा नही है कि उस जनपद में टेक होम राशन का वितरण नही होगा । मन्त्री महोदया ने बताया कि राज्य में टेक होम राशन हर माह की 5 तारीख को दिया जाता है कभी -कभी टेक होम राशन के वितरण में देरी हो सकती है लेकिन यह राशन सभी जनपदों में दिया जा रहा है ।
रेखा आर्या ने प्रदेश में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों के भवनों का किराया ना दिए जाने के विषय पर सदन को जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में 7426आंगनबाड़ी केंद्र है जिनके किराये के लिए वर्ष 2021-22 में 10 करोड़ 55 लाख 32 हजार की धनराशि साशन द्वारा किराया मद में दो चरणों मे जारी की गई थी जिसमे से अगस्त माह 2021 में कोषागार के जरिये 7 करोड़ 9 लाख 25 हजार की धनराशि बाल विकास परियोजना अधिकारियों को आबंटित कर दी गई थी इसके सापेक्ष कोषागार द्वारा एसएनए के माध्यम से 5 करोड़ 88 लाख 65 हजार की धनराशि व्यय की गई थी तथा शेष धनराशि 59 लाख 18 हजार 550 बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा समय पर निदेशालय को समर्पित नही करने के कारण 31 मार्च 2022 को करनी पड़ी साथ ही अभी टेक्निकल समस्या की वजह से कुछ भबनो का किराया नही दे सके लेकिन इस वित्तीय वर्ष में बचे हुए भवनों का किराया दे दिया जाएगा।