देहरादून: दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय के नेत्र रोग विभाग के चिकित्सकों ने चकराता के बंगोटी गांव निवासी एक तीन वर्षीय बच्ची की अत्यंत जटिल सर्जरी की है। बच्ची जन्मजात रूबेला, हेपटोमेगेली (लिवर में सूजन) और सेरेब्रल एट्रोफी से पीडि़त है। रूबेला की वजह से उसकी दोनों आंखों में मोतियाबिंद हो गया था। बच्ची एक माह से यहां भर्ती है, न्यूरो और बाल रोग विभाग में इसका उपचार चल रहा था। इन विभागों की अनापत्ति के बाद यह सर्जरी की गई। अहम बात ये है कि निजी अस्पताल में यह सर्जरी करीब 60 हजार रुपये तक में होती है। जबकि दून अस्पताल में सर्जरी बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत मुफ्त किया गया।
नेत्र रोग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. सुशील ओझा ने बताया कि बच्ची को दोनों आंखों से दिखाई न दिए जाने की शिकायत पर लाया गया था। न्यूरो सर्जन डा. डीपी तिवारी, बाल रोग विशेषज्ञ डा. अशोक कुमार की अगुवाई में टीम ने कार्य शुरू किया। बुधवार को एनेस्थेटिस्ट डा. अतुल कुमार, डा. बिपाशा ने एनेस्थीसिया दिया। बच्ची को सेरेब्रल एट्रोफी की समस्या होने के कारण एनेस्थेटिस्ट का काम भी चुनौती भरा था। इसके बाद डा. ओझा की अगुआई में डा. नीरज, डा. रक्षा ने आपरेशन किया। फेको विधि से दोनों आंख में लेंस डाले गए हैं। प्राचार्य डॉ आशुतोष सयाना, एमएस डा. केसी पंत, डिप्टी एमएस डा. एनएस खत्री एचओडी डा. यूसुफ रिजवी ने टीम को शुभकामनाएं दी हैैं। इस दौरान वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी लूसी, रेणु, नर्सिंग अधिकारी शैलेश राणा और हुकुम सिंह नेगी मौजूद थे।