देहरादून | चंपावत विधानसीट के उपचुनाव के लिए कॉंग्रेसी उम्मीदवार का नाम सामने आने के बाद से चर्चा ज़ोरों पर है कि कहीं यह सीएम पुष्कर सिंह धामी को वाक ओवर देना तो नहीं है | राजनैतिक जानकारों को भी उम्मीद थी कि सीएम को लेकर होने वाले इस हाईप्रोफाइल चुनाव में कॉंग्रेस किसी बड़े चेहरे को मैदान में उतारेगी | लेकिन कॉंग्रेस आलाकमान ने सभी संभावनाओं व नामों को दरकिनार कर निर्मला गहतोड़ी के नाम पर मुहर लगाई है |
चंपावत उपचुनाव उम्मीदवारों को लेकर तस्वीर उस समय साफ हो गई जब कांग्रेस ने निर्मला गहतोड़ी को अपना प्रत्याशी घोषित किया | हालांकि टिकट की दौड़ में पूर्व विधायक हेमेश खर्कवाल समेत चार लोग और भी बताए जा रहे थे लेकिन पार्टी राष्ट्रीय महासचिव मुकुल वासनिक द्धारा उनके नाम का पत्र जारी करने के साथ सभी अटकलों पर विराम लग गया । राजनैतिक विशेषज्ञों की नज़र में उन्हे अभी से सीएम के सामने कमजोर उम्मीदवार माना जा रहा है | हालांकि वह चंपावत की पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष व राज्य महिला सशक्तिकरण परिषद की उपाध्यक्ष भी रहीं हैं। लेकिन चुनावी राजनीति में उनका अनुभव कुमायूं से चुनाव हारने वाले दर्जनों कोंग्रेसी दिग्गजों के सामने कुछ भी नहीं है जो बेहतर टक्कर दे सकते थे |
इससे पहले प्रदेश में अमूमन जब भी सीएम पद को लेकर उपचुनाव हुए हैं अधिकांशत विपक्षी पार्टी ने मजबूत उम्मीदवार ही दिये हैं | जैसे पूर्व सीएम विजय बहुगुणा के खिलाफ सितारगंज से पूर्व कैबिनेट मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता स्वर्गीय प्रकाश पंत ने मोर्चा संभाला था, पूर्व सीएम जनरल खंडुरी के खिलाफ धूमकोट उपचुनाव में पूर्व कैबिनेट मंत्री व वरिष्ठ कोंग्रेसी नेता सुरेन्द्र सिंह नेगी को उतारा गया था, इसी तरह पूर्व सीएम हरीश रावत के खिलाफ धरछुला विधानसभा उपचुनाव में बी डी जोशी |
हालांकि सूत्रों के अनुशार कॉंग्रेस से छन छन कर बाहर आने वाली जानकारी में उनके दिग्गजों का डर भी सामने आ रहा है | बताया जा रहा है कि पार्टी का कोई भी बड़ा नाम सीएम धामी के खिलाफ प्रयोगिक बलि का बकरा बनने के लिए तैयार नहीं था | फिलहाल जो नाम सामने है उसको देखते हुए वर्तमान समय में सीएम धामी के लिए विधानसभा की राह आसान दिखाई दे रही है |