देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और उत्तराखंड की शान जनरल बिपिन रावत अब हमारे बीच नहीं हैं | तमिलनाडु में पत्नी मधुलिका रावत व 13 लोगों समेत उनका सफर सैन्य हेलिकॉप्टर क्रैश के साथ ही अधूरा रह गया | साथ ही अधूरा रह गया उनका सपना रिटायरमेंट के बाद हमेशा-हमेशा के लिए पौड़ी स्थित पैतृक गाँव में बसने का |
जनरल रावत अब हमारे बीच नहीं है, बस कुछ हैं तो उनकी यादें | कुछ ऐसी ही उनकी यादें जुड़ी हैं उत्तराखंड के पौड़ी जनपद में द्धवारीखाल स्थित गाँव सेण बमरौली से | अंतिम बार वह अपने इस पैतृक गाँव में 2018 में आए थे और लोगों से मुलाक़ात के दौरान पुरानी यादें ताजा की थी | इस दौरान उन्होनेगांव के छोटे-बड़े बच्चों और बुजुर्गों से मुलाकात कर रिटायरमेंट के बाद थाती गांव में ही रहने की इच्छा जतायी थी। इस मौके पर जाहिर की गयी उनकी इच्छा को उनकी पत्नी मधुलिका रावत समय समय पर लोगों से बातचीत में दोहराती रहती थी |
लेकिन दुभाग्यपूर्ण है उनके और हम सब उत्तराखंडवासियों के लिए कि उनकी पहाड़ में बसने की उनकी इच्छा कभी पूरी नहीं हो पाएगी | इस अधूरी इच्छा के पीछे उनकी कोशिश थी पलायन और विकास की समस्या पर कार्य करने की | ऐसे में हम सब मिलकर उनके इस अजन्मे सपने को साकार करने का प्रयास कर, जनरल रावत को सच्ची श्रन्धांजली दे सकते हैं |