कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर दुनिया भर के साथ साथ भारत में भी दहशत का माहौल बन गया है | लेकिन टीवी अखबारों की सुर्खियों से अलग अभी तक सबसे संतोषजनक बात है कि यह फैलता तो तेजी से है लेकिन अधिक जानलेवा नहीं है | क्यूंकि सबसे ज्यादा प्रभावित साउथ अफ्रीका से आए आंकड़ों में स्पष्ट हुआ है कि वहाँ इस वेरियंट के पीड़ितों में से अधिकांश को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ रही है | इतना ही नहीं WHO का दावा है कि इस वेरिएंट की जानकारी के दो सप्ताह बाद भी अभी तक दुनिया में इससे कोई भी मौत नहीं हुई है |
ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर अच्छी खबर आई है, इससे सबसे अधिक प्रभावित दक्षिण अफ्रीका से | वहां अधिकांश संक्रमितों को अस्पताल जाने की जरूरत ही नहीं पड़ रही है। वहाँ के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने बताया है कि 24 नवंबर को इसका पहला मरीज मिलने के दो सप्ताह में भी वहाँ के अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हो रही है। इसकी अहम वजह है इसके मरीजों को अस्पताल ले जाने की नौबत का न आना | जानकारों का मानना है कि यह वैरिएंट सामान्य कोरोना की तुलना में 200 गुना अधिक तैजी से अवशय फैलता है लेकिन इसका प्रभाव जानलेवा नहीं है | WHO के अनुशार नया कोरोना वैरिएंट ओमिक्रॉन अब तक दुनिया के 38 देशों में पहुंच चुका है, लेकिन राहत की बात यह है कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, दो सप्ताह मे अब तक किसी भी देश में इस वैरिएंट से संक्रमित व्यक्ति की मौत की खबर नहीं आई है।
हालांकि विशेषज्ञों के बाद अब WHO का भी मानना है बेहद ज्यादा म्यूटेशन वाला यह कोविड-19 स्ट्रेन कितना खतरनाक है, इसकी सही जानकारी मिलने और अध्यन करने में में अभी कई सप्ताह लग सकते हैं । लिहाजा अधिक घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन कोविड प्रोटोकॉल की सावधानी अवशय रखें |