लगता भाजपा की नकल करते-करते कॉंग्रेसी नेता हिन्दुत्व पर पीएचडी करने लगे है। क्यूंकि हिन्दुत्व की कॉंग्रेसी पाठशाला में सलमान खुर्शीद के बाद नया व्याख्यान आया है राहुल गांधी का । राजनैतिक गलियारों में अक्सर अपने बयानों में गल्तियों के चलते चर्चा में रहने वाले राहुल अब हिन्दू और हिंदुत्व की परिभाषा गढ रहे हैं । जय श्री राम के अभिवादन को भाजपा आरएसएस से जोडने वाली 90 के दशक की गलती अब हिन्दुत्व को लेकर दोहरायी जा रही है ।
इतिहास से सबक लेकर भविष्य की रणनीति तैयार करना किसी भी सभ्य समाज और संस्थान के लिए बेहद अहम होता है | लेकिन लगता है कॉंग्रेस के लिए इसका कोई मायने नहीं है तभी तो मणिशंकर अय्यर, शशि थरूर,कमलनाथ, दिग्विजय, सलमान खुर्शीद जैसे अनगिनत बड़े नामों के बाद उनके आलाकमान राहुल गांधी भी हिन्दुत्व की कोंग्रेसी पाठशाला की क्लास देने लगे है | अफसोस इस बात का है कि इनमे से कोई भी इस विषय को लेकर ज्ञाता नहीं है फिर भी हिन्दू धर्म की उदारता का लाभ उठाकर राजनैतिक लाभ के लिए व्याख्या करते रहते हैं | इनका उद्देश्य उसी तरह है जिस तरह विषय की गंभीरता को जाने बिना पुस्तक में अंकित रेफरेंस कोड का विवाद के लिए उल्लेख कर स्वयं के विद्धान होने का भ्रम रखना |
पहले राम जन्मभूमि आंदोलन के दशक में अल्पसंख्यक वोटो के जुगाड़ के लिए जय श्री राम के अभिवादन को सांप्रदायिक रूप में प्रस्तुत करने की विपक्षी कोशिश में शामिल रहे | अंतत नुकसान ये हुआ कि राम नाम का किसी भी तरह का उच्चारण राजनीति में भाजपा की पहचान बन गया | कॉंग्रेस के लिए इस मुद्दे पर हालत इतने खराब हुए कि राहुल गांधी को जनेऊ धारण कर मंदिर-मंदिर घूमना पड़ा | और यहाँ भी वह शिवालयों, कृष्ण मंदिर और माता के मंदिरों के दर्शन कर प्रभु श्री राम के मंदिरों को भाजपा के लिए छोड़कर भगवान के साथ भी भेदभाव ही करते रहे | अल्पसंख्यक तुष्टीकरण के लालच में सोच समझकर देश के बहुसंख्यक समाज के प्रति की गयी ऐतिहासिक भूलों से सबक न लेने वाले राहुल गांधी अब हिन्दू और हिन्दुत्व की परिभाषा समझा रहे हैं | देश का बच्चा बच्चा जानता है कि हिन्दू सांस्कृतिक विचारों का ही नाम है हिन्दुत्व | राहुल गांधी भाजपा या आरएसएस पर नफरत और घृणा की विचारधारा का आरोप तो लगाते हैं लेकिन स्वयं उनके द्धारा इस्तेमाल किसी भी शब्द से परहेज करते हैं | तभी तो जय श्री राम के बाद लगता है अब हिन्दुत्व का उच्चारण भी उन्होने भाजपा आरएसएस के लिए छोड़ दिया है | कम से कम उनके हिन्दू और हिन्दुत्व को लेकर हालिया विचार तो यही दर्शाते हैं जिसमें उन्होने विवाद में फंसे सलमान खुर्शीद का बचाव करते हुए हिंदुओं से अलग हिन्दुत्व को संघ परिवार की सोच बताया |
फिलहाल हमे तो समझ आयी नहीं राहुल की थ्यौरी, लेकिन आपके लिए यहाँ प्रस्तुत करते हैं उन्होने क्या कहा | राहुल गांधी ने कहा कि हिन्दू और हिन्दुत्व दोनों अलग अलग हैं, जिसमें हिन्दुत्व संघ परिवार का विचार है और नफरत और हिंसा फैलता है | अजीबोगरीब तर्क देते हुए उन्होने समझाने का प्रयास किया कि हिन्दू हो तो हिन्दुत्व की जरूरत नहीं और हिन्दुत्व को हिन्दू की नहीं | …….ऐसा ही बहुत कुछ …आप भी चकरा गए न ?
राहुल गांधी समेत तमाम कोंग्रेसी नेताओं के हिन्दुत्व व अन्य धार्मिक मुद्दे पर होने वाली बेजां टिप्पणियां स्पष्ट करती हैं कि चर्चा में बने रहना ही उनका मकसद है | जाने क्यूँ लगता है कॉंग्रेस ने दुष्यंत कुमार की मशहूर कविता को इस तरह अपना लिया है “ हँगामा करना ही मेरा मकसद है कुछ भी सूरत नहीं बदलनी चाहिए ……”