देहारादून | हरक सिंह रावत के बाद धामी सरकार के एक और कैबिनेट मंत्री का अपने पुत्र या पुत्रवधू को चुनावी रण में उतारने की चर्चा इन दिनों जोरों पर है | वह मंत्री कोई और नहीं बल्कि सतपाल महाराज हैं जो अपने राजकुमार सुयश और पुत्रवधू मोहिना सिंह के साथ इन दिनों छेत्र में बड़े बड़े फ़्लेक्स में परिवार सहित देखे जा सकते हैं | पत्नी अमृता रावत के साथ महाराज का दिवाली की बधाई देते यह फेमली फ़्लेक्स उनकी राजनाइटिक मंशा को छुपाने में नाकामयाब साइट हो रहा है |
परिवार के सदस्यों के लिए पैरवी करने वाले बड़े भाजपा नेताओं में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, काशीपुर विधायक हरभजन सिंह चीमा, लैंसडाउन विधायक दिलीप रावत के साथ एक और नाम सतपाल महाराज का जुडने वाला है | दीपावली के सुभ अवसर पर छेत्र की जनता को बधाई देने वाले वाले फ़्लेक्स में उनकी फोटो के साथ पत्नी और पूर्व काबीना मंत्री अमृता रावत, बेटे सुयश व बहू बहू मोहिना सिंह का होना उनके भावी कदमों की और साफ इशारा करती है | हालांकि राजनैतिक जानकारों की नज़र में महर्ज का यह कदम उठाना लाजिमी था | क्यूंकि बढ़ती उम्र और चुनाव बाद सीएम बनने की कम होती संभावनाओं में इससे बेहतर कदम कोई और नहीं हो सकता है | अब चूंकि युवा नेत्रत्व के रूप में धामी की ताजपोशी के बाद अगली विधानसभा में महाराज का सामन्य मंत्री या विधायक बने रहना संभव नहीं लगता है | और ऐसे में अपनी परंपरागत सीट चुबट्टाखाल को किसी और के लिए छोड़ना भी उचित नहीं है | सूत्रों के अनुशार अमृता रावत ने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है, लिहाजा नयी विधानसभा में सीएम की रेस में बने रहने के लिए इस सीट पर विश्वस्त व्यक्ति का चुनना अति आवश्यक है | ऐसे में पुत्र या पुत्रवधू से बेहतर कोई विकल्ल्प संभव नहीं है | जिनहे जरूरत पड़ने पर अपने लिए कभी भी खाली कराया जा सकता है |
फिलहाल राजनैतिक दृष्टिकोण से परखें तो महाराज का 2022 के चुनावों में अपने परिवार को आगे करने की चर्चा गलत नहीं ठहराई जा सकती है | हालांकि अंतिम निर्णय मतदाताओं के हाथ में है कि किसे अपना नेता चुना जाये |