तीर्थ पुरोहित हक-हकूकधारी के विरोध के एलान के बीच पीएम मोदी केदारनाथ धाम में साढे तीन घन्टे रहने वाले हैं । आज जहां एक और तीर्थ पुरोहित हक हकुक्धारी पंचायत समिति ने 3 नवम्बर के केदारनाथ कूच को पीएम दौरे विरोध की अन्तिम चेतावनी बताया वहीं दूसरी और जिला प्रशासन ने तैयारियों को अन्तिम रुप देना शुरु कर दिया है । वहीं इस सबसे अलग पूर्व सीएम के केदारधाम में अप्रत्याशित विरोध के बाद अमित शाह की सीएम धामी और प्रदेशाध्यक्ष कौशिक के साथ आपातकालीन बैठक देवस्थानम बोर्ड को लेकर बड़ी घोषणा की और इशारा कर रही है |
कल तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की श्री केदारनाथ धाम की यात्रा को पार्टी के लिए बेहतर मानकर चल रही भाजपा की पेशानी पर बल पड़ गए हैं तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी पंचायत समिति के जबरदस्त विरोध के बाद | उनका आरोप है कि देवस्थानम बोर्ड को लेकर सरकार तीर्थ पुरोहित समाज का अपमान कर रही है। जिसके विरोध में 3 नवंबर को उनके समिति द्धारा अंतिम हथियार के तौर पर केदारनाथ कूच किया जाएगा । उहोने चेतावनी कि इसके बाद भी यदि उनकी मांगें नहीं मानी गयी तो 5 नवंबर को पीएम के दौरे का भी विरोध किया जाएगा।
वहीं दूसरी और पीएम मोदी के कार्यक्रम को लेकर सभी अधिकारी का केदारनाथ पहुंचना शुरू हो गया है । इसी क्रम में देवस्थानम बोर्ड के सीईओ व गढ़वाल कमिश्नर रविनाथ रमन ने केदारनाथ पहुंचकर पीएम मोदी के भ्रमण कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लिया ।
इस दौरान उन्होंने जिलाधिकारी मनुज गोयल के साथ चर्चा करते हुए जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए। डीएम ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच नवंबर को केदारनाथ धाम मे सुबह 7.40 बजे से 11.30 के बीच रह सकते हैं ।
वहीं इस सबसे अलग राजनैतिक गलियारों में यह चर्चा गरम है कि भाजपा आलाकमान ने पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र का केदार धाम में हुए विरोध को गंभीरता से लिया है | यही वजह है कि सीएम और पार्टी प्रदेशाध्यक्ष को अमित शाह ने दिल्ली बुलाकर हालातों की जानकारी ली हैं | संभावना जताई जा रही है कि देवस्थानम बोर्ड को लेकर केंद्र के निर्देशों के बाद कोई बड़ा निर्णय लिया जा सकता है | साथ ही कहा यह भी जा रहा है कि मोदी के इस दौरे में विशेषकर केदार धाम में पार्टी के अधिकांश नेताओं को एंट्री नहीं मिलने वाली है क्यूंकि पीएम के दौरे को लेकर पार्टी और सरकार कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहती है |