भारत सहित दुनिया के लिये जानलेवा महामारी मलेरिया को लेकर आयी है बहुत बडी खबर । प्रत्येक साल 4 लाख से अधिक मौतों की ज़िम्मेदार इस बीमारी से बचने के लिए पहली वैक्सीन हुई है तैयार, जिसे मिल गयी है WHO से मंजूरी | इस टीकाकरण अभियान की शुरुआत WHO सबसे अधिक प्रभावित देश अफ्रीखा से करने जा रही है |
मानव जीवन के स्वास्थ्य के लिए विश्व स्वास्थ्य संघटन से आया है शुभ समाचार | जी हाँ दुनिया की इंसानी जान के लिए सबसे बड़ा खतरा, मलेरिया से बचने के लिए पहले टीके RTS,S/AS01 को WHO ने मंजूरी दी है मंजूरी | WHO के अनूषर मलेरिया से सबसे ज्यादा प्रभावित अफ्रीकी देशों से इस टीकाकरण अभियान की शुरुआत के बाद उनकी कोशिश होगी फंड के इंतजाम ताकि प्रत्येक जरूरतमंद देश तक इसे पहुंचाया जा सके । चूंकि मलेरिया से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में भारत भी शामिल है लिहाजा हमारे लिए भी यह BIG BREAKING खबरों से भी बड़ी है ।
कितना है मलेरिया खतरनाक ?
विशेषज्ञों के अनुशार 5 साल तक के बच्चों को मलेरिया का अधिक खतरा रहता है । दुनिया में प्रत्येक घंटे 30 बच्चों को मलेरिया से जान गँवाने वाली है । साल 2019 में अब तक की सबसे अधिक 4.09 लाख मौतें दर्ज़ की गयी हैं | इस जानकारी का सबसे दुखद पहलू है कि, इनमें 67% यानी 2.74 लाख मौत मासूमों की हुई हैं ।
वैक्सीन ट्रायल के कैसे रहे हैं परिणाम
इस वैक्सीन RTS,S/AS01 का इस्तेमाल 2019 में अफ्रीखी देशों घाना, केन्या और मालावी में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर हुआ था | इसके प्रयोग से 30% गंभीर मामलों में कमी आई हैं। इसके नतीजों से खुलासा हुआ है कि मलेरिया की वैक्सीन से दूसरे टीकों या मलेरिया रोकने के दूसरे उपायों पर कोई प्रतिकूल असर नहीं डालती है । WHO ने यहाँ 23 लाख बच्चों को वैक्सीन के नतीजों के आधार पर ही वैक्सीन को मंजूरी दी है । WHO का दावा है कि इस वैक्सीन के इस्तेमाल से मलेरिया होने की संभावनाओं को आधा किया जा सकता है | वहीं गंभीर मामलों में 10 में से 3 लोगों की जान इस वैक्सीन के इस्तेमाल से बचाई जा सकती थी ।
भारत में भी प्रतिवर्ष लगभग 4 लाख मलेरिया के केस सामने आते है, जिसमे सैकड़ों को अपनी जान से हाथ भी धोना पड़ता है | मलेरिया की यह वैक्सीन बेहद घनी आबादी वाली दक्षिण एशिया के देशों के लिए बेहद कारगर साबित हो सकती है |