डिजिटालाइजेशन और प्लास्टिक मनी के इस दौर में सभी का डेबिट और क्रेडिट कार्ड से जुड़ी इस खबर से वाकिफ होना जरूरी है | क्यूंकि भारत सराकर के डेटा स्टोरेज से संबन्धित नियम न मानने पर भारतीय रिजर्व बैंक ने पहला बड़ा बैन लगाया है मास्टरकार्ड पर | आज यानि 22 जुलाई से मास्टरकार्ड अब भारत में कोई नया डेबिट और क्रेडिट कार्ड जारी नहीं कर सकेगा । गौरतलब है कि यह अमेरिका की कंपनी है, जिसकी भारत के कार्ड पेमेंट बाजार में 33% हिस्सेदारी है यानि हमारी आपकी हर तीसरी जेब में हो सकता है यह कार्ड ।
RBI को क्यूँ उठाना पड़ा यह कदम ?
दरअसल भारत में पेमेंट एंड सेटलमेंट सिस्टम्स एक्ट 2007 कानून के तहत मास्टरकार्ड, वीजा और NPCI जैसी कंपनियां अपने कार्ड नेटवर्क को ऑपरेट करती हैं। इन पर नजर रखने के लिए RBI को पेमेंट अथॉरिटी बनाया गया है। 6 अप्रैल 2018 को RBI ने एक सर्कुलर जारी कर सभी पेमेंट नेटवर्क कंपनियों को 6 महीने के अंदर सभी तरह का डेटा सिर्फ भारत में स्टोर करने के निर्देश दिए थे । जिसके बाद कंपनियों को ऑडिट करवाकर RBI को रिपोर्ट सौंपनी थी। लेकिन इस सर्कुलर को जारी हुए तीन साल की अविधि में RBI ने अब तक अमेरिकन एक्सप्रेस और डाइनर्स क्लब पर ही प्रतिबंध लगाया था । चूंकि इनके हमारे देश में इनके ज्यादा ग्राहक नहीं होने से ज्यादा चर्चा नहीं हुई । लेकिन अब मास्टरकार्ड पर बैन लगने के बाद बैंकिंग सैक्टर में हड़कंप मच गया है |
विदेशी पेमेंट नेटवर्क का क्या है तर्क ?
मास्टरकार्ड जैसी पेमेंट फर्म का कहना है कि वो 100 से ज्यादा देशों में ऑपरेट करती हैं और उनका स्टोरेज सिस्टम सेंट्रलाइज्ड है। कंपनियों को डर है कि भारत में डेटा स्टोरेज ट्रांसफर करने के लिए उन्हें लाखों डॉलर खर्च करने पड़ेंगे। अगर भारत में ऐसा किया तो अन्य देश भी डेटा के लोकल स्टोरेज की मांग उठा सकते हैं । इसी तरह के तर्क और सभी कंपनियों द्वारा दिये जा रहे हैं |
आपके पास मास्टरकार्ड है तो बैन का आप पर कितना होगा असर?
यदि आप के पास मास्टर कार्ड, अमेरिकन एक्सप्रेस और डाइनर्स क्लब के क्रेडिट और डेबिट कार्ड हैं, तो उन्हे आप पेमेंट के लिए इस्तेमाल करते रह सकते हैं । फिलहाल RBI के बैन का पुराने ग्राहकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा । लेकिन RBI के बैन हटाने तक बैंक और नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां नए ग्राहक नहीं बना सकतीं हैं।
इस बैन से किसको होगा नुकसान और किसको होगा फायदा ?
फिलहाल आरबीआई की इस कार्यवाही का सबसे अधिक नुकसान यस बैंक, RBL बैंक और बजाज फिन्सर्व को होने वाला हैं, क्योंकि ये अपनी कार्ड स्कीम के लिए पूरी तरह मास्टरकार्ड से जुड़ी हुई है । मास्टरकार्ड बैन से वीजा और रूपे जैसे वैकल्पिक नेटवर्क्स को फायदा होगा। बैंक नए करार करेंगे जिससे इनका मार्केट शेयर बढ़ेगा।